Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Aug, 2023 07:23 AM
आज बात करेंगे ग्रहों के वक्री के बारे में। इस बार बहुत से ग्रह वक्री होंगे, मंगल को छोड़ कर। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के वक्री को विशेष महत्व दिया गया है। यदि ग्रह उच्च राशि में हो तो उसे अच्छा नहीं माना जाता।
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Grah Vakri 2023: आज बात करेंगे ग्रहों के वक्री के बारे में। इस बार बहुत से ग्रह वक्री होंगे, मंगल को छोड़ कर। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के वक्री को विशेष महत्व दिया गया है। यदि ग्रह उच्च राशि में हो तो उसे अच्छा नहीं माना जाता। जबकि नीच राशि में वक्री हो तो ये शुभ माना जाता है। 7 ग्रह जब एक साथ वक्री होते हैं तो इसका असर देखने को मिलता है। वक्री अवस्था में ग्रह का चेष्टा बल बढ़ जाता है। सूर्य और चंद्रमा कभी वक्री नहीं होते। केतु और राहु हमेशा वक्री रहते हैं जबकि अन्य ग्रह साल में अलग-अलग समय पर वक्री होते हैं। एक समय ऐसा आ रहा है, जब 7 ग्रह एक साथ वक्री होंगे।
प्लूटो 1 मई से वक्री अवस्था में हैं। शनि 17 जून से वक्री हैं और 4 नवंबर तक वक्री अवस्था में रहेंगे। इस बीच वरुण ग्रह 1 जुलाई से वक्री हुए हैं और 6 दिसंबर तक वक्र अवस्था में रहेंगे। शुक्र 23 जुलाई से वक्री हो रहे हैं और 4 सितंबर तक वक्री रहेंगे, बुध 23 अगस्त को वक्री होंगे और 15 सितंबर तक वक्री रहेंगे। यूरेनस 29 अगस्त को वक्री हो जाएंगे और 27 जनवरी अगले साल तक वक्री रहेंगे। गुरु 4 सितंबर से वक्री होंगे और 31 दिसंबर तक वक्री रहेंगे। इसका मतलब बुध के वक्री होने के दिन 23 अगस्त से 15 सितंबर 3 सप्ताह का समय ऐसा है, जब ग्रहों का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलेगा। 4 सितंबर को शुक्र मार्गी हो जाएंगे।
आपकी कुंडली में जैसे गुरु, शनि, बुध, शुक्र वक्री हैं तो हो सकता है आपको ज्यादा फर्क न पड़े। यदि आपका मकर, कुम्भ, धनु और मीन लग्न है तो ऐसी स्थिति में आपको थोड़ी प्रॉब्लम हो सकती है। 18 अगस्त में मंगल राहु-केतु एक्सिस में फंस जाएंगे और 17 अगस्त से सूर्य-शनि आमने-सामने आ जाएंगे। एक समय ऐसा आएगा, जब पांचों ग्रह आमने-सामने टकरा जाएंगे।
मेष राशि के जातकों को शनि वक्री के कारण कोई प्रॉब्लम हो सकती है। शनि मेष राशि के जातकों की कुंडली में आय और धन स्थान के स्वामी बन जाते हैं।
मिथुन राशि के जातकों को थोड़ी समस्या हो सकती है क्योंकि लग्न के चौथे भाव का स्वामी वक्री हो जाएगा।
कन्या राशि के जातकों को भी थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
मीन राशि के जातकों के लिए दसवें भाव का स्वामी भी वक्री और लग्न का स्वामी भी वक्री।
शुक्र की एक राशि कभी अष्टम में चली जाती है कभी छठे में। यदि आपकी वृष और तुला राशि है तो ये प्रभाव में जरूर आएंगे लेकिन कुंडली के हिसाब से इसका असर देखने को मिलेगा। वक्री ग्रहों का प्रभाव हमेशा बुरा नहीं होता इसका अच्छा फल भी मिल सकता है।
नरेश कुमार
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