Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Jun, 2025 06:39 AM

How to please Bhagwan Brihaspati- घर में धन का आना और जाना बहुत से पहलुओं पर निर्भर करता है। ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में बहुत सारे ऐसे कारण बताए गए हैं, जिस वजह से घर में पैसा नहीं टिकता। घर में सही स्थान पर वस्तुओं को रखने से आपकी दशा और दिशा...
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How to please Bhagwan Brihaspati- घर में धन का आना और जाना बहुत से पहलुओं पर निर्भर करता है। ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में बहुत सारे ऐसे कारण बताए गए हैं, जिस वजह से घर में पैसा नहीं टिकता। घर में सही स्थान पर वस्तुओं को रखने से आपकी दशा और दिशा दोनों बदल सकते हैं। ज्योतिष में घर के खर्चों को नियंत्रण में करने के लिए बहुत सारे उपाय भी बताए गए हैं। आपके घर में भी नहीं रुक रहा धन तो वास्तु और ज्योतिष विद्वानों द्वारा बताए गए कुछ अचूक उपायों को करें फॉलो-
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Do These Special Remedies On Thursday घर में बार-बार धन हानि हो रही हो तो गुरुवार को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़ककर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए कि भविष्य में घर में धन हानि का सामना न करना पड़े। जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए।

Thursday Totke घर-परिवार में शांति, खुशहाली के लिए
शुक्ल पक्ष के बृहस्पति को यह क्रिया शुरू करें तथा 11 बृहस्पतिवार तक लगातार करें। उपाय इस प्रकार है- घर या व्यापार स्थल के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगा जल से धो लें। इसके बाद स्वस्तिक बनाएं। उस पर चने की दाल तथा थोड़ा-सा गुड़ रख दें। इसके बाद स्वस्तिक को बार-बार देखें। अगर वह खराब हो जाए तो सामान को इकट्ठा करके जल प्रवाह करें। 11 बृहस्पतिवार के बाद गणेश जी को सिंदूर लगा कर उनके सामने पांच लड्डू रखें तथा कहें। ‘जय गणेश काटो क्लेश’। इससे व्यापार में वृद्धि होगी तथा खुशहाली रहेगी।

Guruwar Upay मनोकामना पूूर्ति
यह सिद्ध प्रयोग है। गुरुवार के दिन, पुष्य नक्षत्र होने पर यह विशेष प्रभावशाली होगा। गुरुवार के दिन सूर्योदय के समय (सूर्योदय से 1 घंटे तक) या सूर्यास्त के समय कच्चे सूत को 11 बार लपेटें, अपनी आवश्यकतानुसार लें तथा इसमें बल चढ़ा लें, ताकि सूत मजबूत हो जाए। शुद्ध केसर को गंगाजल में घोल कर उससे इसे केसरिया रंग में रंग लें। फिर इसे भगवान के चरणों में रख कर अपनी इच्छा तीन बार मन में बोलें। भद्रारहित समय में (उस दिन गुरुवार को कार्य करते समय भद्रा न हो) इसे अपनी दाहिने हाथ की कलाई पर बांध लें, या गले में बांध लें, या गले में बांध लें। आपको मनोकामना पूर्ण होगी।
