Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Aug, 2023 08:57 AM
आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति कि ये 4 सितंबर को वक्री होंगे और 31 दिसंबर तक ये मेष राशि में वक्री होंगे 118 दिन के लिए। तो आज जानेंगे कि इस वक्री से तुला
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Guru Vakri 2023: आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति कि ये 4 सितंबर को वक्री होंगे और 31 दिसंबर तक ये मेष राशि में वक्री होंगे 118 दिन के लिए। तो आज जानेंगे कि इस वक्री से तुला राशि के जातकों को अपने जीवन में क्या बदलाव देखना होगा ? गुरु सप्तम में गोचर कर रहे हैं। सूर्य ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। गुरु हर साल लगभग 4 महीने के लिए वक्री रहते हैं। बुध और शुक्र कभी भी आमने-सामने नहीं आते। तुला राशि के लिए ये वक्री होना इसलिए जरुरी है क्योंकि ये इस समय शुभ गोचर में चल रहे हैं। हालांकि गुरु तुला राशि के लिए बढ़िया प्लेनेट नहीं हैं। यदि तुला राशि में गुरु की महादशा चली है तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कुंडली में 12 घर होते हैं और उनमें से 4 ग्रहों के कारक गुरु हैं। धन स्थान, नौवां, ग्यारहवें स्थान उनके कारक गुरु हैं। गुरु संतान, करियर, बुद्धि के कारक हैं। गुरु सबसे पहले सप्तम स्थान से गोचर करेंगे और एक दृष्टि है आय स्थान के ऊपर। प्रमोशन होने के चांस बनेंगे। आय का फ्लो बना रहेगा। गुरु लग्न भाव को देखेंगे। चंद्रमा के ऊपर गुरु की दृष्टि का मतलब आपका मन पॉजिटिव रहेगा। नई-नई कोशिशें करने का प्रयास करेंगे। गुरु की एक दृष्टि रहेगी तीसरे स्थान के ऊपर। कोई भी फैसला लेने में कामयाब रहेंगे।
नरेश कुमार
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