Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Feb, 2024 08:14 AM
वाराणसी (उ.प्र.) (प.स.): उत्तर प्रदेश के वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार
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वाराणसी (उ.प्र.) (प.स.): उत्तर प्रदेश के वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया। यह फैसला 31 साल की अदालती लड़ाई के बाद आया है। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है।
अदालती आदेश में कहा गया है, “जिला मैजिस्ट्रेट वाराणसी/रिसीवर को निर्देश दिया जाता है कि वह सैटेलमैंट प्लॉट नं. 9130 थाना-चौक, जिला वाराणसी में स्थित भवन के दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने, जो कि वादग्रस्त सम्पत्ति है, वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से पूजा, राग-भोग, तहखाने में स्थित मूर्तियों का कराएं और इस उद्देश्य के लिए 7 दिन के भीतर लोहे की बाड़ आदि में उचित प्रबंध करें।”
हिंदू पक्ष ने कहा-फैसले से संतुष्ट
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा-पूजा 7 दिनों के भीतर शुरू होगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा। हम फैसले से संतुष्ट हैं। हमें एक लंबी लड़ाई के बाद जीत मिली है।
मुस्लिम पक्ष बोला-हाईकोर्ट जाएंगे
मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि यह फैसला गलत है। पूर्व के आदेशों को ओवरलुक करते हुए यह आदेश दिया गया है। हम लोग इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
मुस्लिम पक्ष बोला-हाईकोर्ट जाएंगे
मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि यह फैसला गलत है। पूर्व के आदेशों को ओवरलुक करते हुए यह आदेश दिया गया है। हम लोग इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
7 दिन के भीतर तय हो व्यवस्था
जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किए गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था 7 दिन के भीतर कराएं। यादव ने बताया कि पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा।