Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Jan, 2024 08:04 AM
अंतर्राष्ट्रीय मानक समय के अनुसार 3,15,36,000 सैंकेड का समय एक वर्ष के बराबर होता है। इसे 8760 घंटे या 5,25,600 मिनट के बराबर मान सकते हैं। प्राय: इस समय के बाद ही नव वर्ष का आगमन होता है
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Happy New Year 2024: अंतर्राष्ट्रीय मानक समय के अनुसार 3,15,36,000 सैंकेड का समय एक वर्ष के बराबर होता है। इसे 8760 घंटे या 5,25,600 मिनट के बराबर मान सकते हैं। प्राय: इस समय के बाद ही नव वर्ष का आगमन होता है तथा फिर एक बार समय की सूइयां अपनी गिनती अविराम रूप से शुरू कर देती हैं। विश्व एक और नव वर्ष का आयोजन धूमधाम से करने जा रहा है। विश्व भर में नव वर्ष मनाने का अलग-अलग तरीका सदियों से प्रचलित है। कुछ लोग इसे त्यौहार के रूप में मनाते हैं तो कुछ पारंपरिक तरीके से मनाते हैं।
जापान में नव वर्ष भारत के दीपावली त्यौहार की तरह मनाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों एवं गली-मोहल्लों की सफाई तथा मकानों का रंग-रोगन करते हैं। गृहणियां अपने घरों की सजावट आकर्षक ढंग से करती हैं तथा लोग सज-धजकर संगीत की लय पर नाचते-गाते हैं। नव वर्ष का प्रथम दिन डाकियों के लिए भी विशेष महत्व का होता है जब डाक में आए पत्र, कार्ड एवं उपहारों को प्राप्त करने पर पावक व्यक्ति डाकियों को भी कई उपहार देते हैं। मान्यता है कि नव वर्ष पर उपहार प्राप्त होने पर वर्ष भर उपहार मिलेंगे। इसी प्रकार वे पुराने वर्षों के कर्जों को नव वर्ष के दिन चुका देना अच्छा मानते हैं।
इंगलैंड में मूलत: ईसाई धर्म की बहुलता होने से क्रिसमस के तुरंत बाद लोग नव वर्ष की तैयारियों में जुट जाते हैं। यहां के गिरिजाघरों में 31 दिसंबर को रात के 11 बजे से घंटियां धीमे-धीमे तथा शोकपूर्ण आवाज में बजती हैं जो लोगों को बीते वर्ष में मरे संबंधियों और प्रियजनों की याद दिलाती हैं तथा माहौल शोकपूर्ण एवं गमगीन हो जाता है। इसके बाद ठीक 12 बजे एकदम घंटियां तेजी से तथा मधुर स्वर में बजने लगती हैं जो लोगों को नव वर्ष के प्रति उत्साह से भर देती हैं। इसके बाद शुरू होता है लोगों की मस्ती का दौर।
नव वर्ष के दिन घर का मुखिया खाने की मेज सजा कर उस पर एक बड़े कटोरे में सौंठ, अदरक एवं चाय से बना पेय रखता है। प्रत्येक परिजन उसमें से एक-एक चम्मच पीकर एक-दूसरे के लिए मंगलमय भविष्य की कामना करता है। लंदन में 31 दिसंबर की रात इमारतों पर भव्य रोशनी की जाती है और आतिशबाजी होती है।
अफ्रीकी देशों में नव वर्ष का नजारा कुछ अलग होता है। यहां लोग 31 दिसंबर को आग बुझा देते हैं तथा नए वर्ष के प्रथम दिन फिर जलाते हैं तथा इसके बाद खुशी एवं उत्साह से नव वर्ष का स्वागत करते हैं। दक्षिण अफ्रीका में ‘जुलू’ जनजाति के लोग इस दिन अपने बेटे- बेटियों की शादी धूमधाम से करते हैं तथा शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा निहत्थे खूंखार सांड से लड़कर अपने साहस एवं पराक्रम का परिचय देता है। इनके अनुसार इससे देवता प्रसन्न होते हैं तथा वर्ष भर खुशियां देते हैं।
यूनान में लोग नव वर्ष के दिन घरों के बाहर प्याज टांगते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि इससे वर्ष भर समृद्धि बनी रहेगी।यूगोस्लाविया में नव वर्ष के दिन सूअर के बच्चे की पूंछ का स्पर्श करने को सुख-समृद्धि का शुभ शगुन माना जाता है।
म्यांमार में नव वर्ष के उत्सव को तिजॉन कहते हैं। इस दिन प्रात:काल ही भगवान बुद्ध की मूर्तियों को सुगंधित जल से स्नान कराया जाता है तथा पूजा की जाती है। फिर एक-दूसरे पर पानी फैंकने का खेल खेला जाता है।