Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Dec, 2023 08:33 AM
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिरों या शक्तिपीठों में पड़े सोने व चांदी को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर हो गई है। सरकार सोने व चांदी के इस्तेमाल को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ
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शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिरों या शक्तिपीठों में पड़े सोने व चांदी को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर हो गई है। सरकार सोने व चांदी के इस्तेमाल को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) से चर्चा कर उने सुझाव लेगी ताकि इनको उपयोग में लाया जा सके। प्रदेश के मंदिरों में करीब 6 क्विंटल सोना व 234 क्विंटल चांदी जमा है। इसमें सबसे अधिक चिंतपूर्णी व नयनादेवी मंदिर में सोना पड़ा है।
जानकारी है कि इन दोनों मंदिरों में 2.10-2.10 क्विंटल सोना पड़ा है। इसके अलावा बाबा बालकनाथ दियोटसिद्ध, ज्वालाजी, चामुंडा नंदिकेश्वर, बज्रेश्वरी माता तथा भीमाकाली मंदिर सराहन में भी भारी मात्रा में सोना व चांदी पड़ा है। हालांकि प्रदेश सरकार ने मंदिरों में पड़े सोना व चांदी के सिक्के बनाकर लोगों को बेचने का निर्णय लिया है तथा इससे प्राप्त राशि का प्रयोग श्रद्धालुओं तथा मंदिरों में बेहतर सुविधा के लिए उपयोग किया जाना है, लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है।
इस बीच सरकार ने अब सोना व चांदी के इस्तेमाल को लेकर आर.बी.आई. से भी सुझाव लेने का निर्णय लिया है। आर.बी.आई. से सुझाव मिलने के बाद ही सरकार इस पर आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने पुरातत्व विभाग से उसके अधीन मंदिरों के हालात में सुधार का मामला उठाने का भी निर्णय लिया है।
प्रदेश में रामपुर के समीप स्थिति सूर्य मंदिर सहित अन्य कुछ मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन हैं, लेकिन इन सभी मंदिरों के हालत बहुत ही खराब हैं। ऐसे में सरकार पुरातत्व विभाग से इन मंदिरों के हालात सुधारने के लिए धन मुहैया करवाने की मांग करेगी।