Tantra mantra and tricks on Holi: होली पर तंत्र-मंत्र और टोटके न कर दें आप पर वार, रखें ध्यान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Mar, 2024 06:33 AM

holi

दीवाली की भांति होली पर भी तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके का प्रभाव बहुत प्रबल होता है। इस दिन विशेष साधनाओं के द्वारा सिद्धियां पाई जाती हैं। होली की मस्ती में लोग इतने डूबे होते हैं की उन पर हो रहे तंत्र-मंत्र और टोटकों की होली का उन्हें एहसास तक नहीं...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Holi and Tantra Mantra: दीवाली की भांति होली पर भी तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके का प्रभाव बहुत प्रबल होता है। इस दिन विशेष साधनाओं के द्वारा सिद्धियां पाई जाती हैं। होली की मस्ती में लोग इतने डूबे होते हैं की उन पर हो रहे तंत्र-मंत्र और टोटकों की होली का उन्हें एहसास तक नहीं होता। सिद्धियों की प्राप्ति के लिए पान के पत्ते, काले तिल, सिंदूर, कपूर, नारियल, नींबू, लाल मिर्च आदि सामग्री का प्रयोग किया जाता है। होलिका दहन से पहले का जो समय होता है उसे तांत्रिक सिद्ध समय मानते हैं।

PunjabKesari Holi and Tantra Mantra

Avoid attacks of tantra-mantra and tricks on Holi होली पर बचें तंत्र-मंत्र व टोटकों के वार से
टोने-टोटके हेतु सफेद खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है। होलिका दहन वाले दिन सफेद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
होलिका दहन वाले पूरे दिन काले कपड़े में काले तिल बांधकर अपनी जेब में रखें। रात को जलती होली में उन्हें डाल दें।
टोने-टोटके में व्यक्ति के कपड़ों का प्रयोग किया जाता है, इसलिए अपने कपड़ों का ध्यान रखें। उतार और टोटके का प्रयोग सिर पर जल्दी होता है, इसलिए सिर को टोपी आदि से ढके रहें।

PunjabKesari Holi and Tantra Mantra

बीते कुछ वर्षों में होली पर तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके का प्रचलन आत्याधिक बढ़ गया है। होलाष्टक की समयावधि को तांत्रिक सिद्ध मानते हैं। शास्त्रों में होलिकादहन के महत्वपूर्ण दिन को दारुण रात्रि कहा गया है। दारुण रात्रि की तुलना महारात्रि अर्थात महाशिवरात्रि, मोहरात्रि अर्थात कृष्णजन्माष्टमी, महानिशा अर्थात दिवाली से की जा सकती है। तंत्रसार अनुसार इन दिनों में तंत्र व मंत्र की साधना पूर्ण फल देने वाली है। होलाष्टक की अवधी में समस्त मांगलिक कार्य निषेध बताऐ गए हैं।

PunjabKesari Holi and Tantra Mantra

Holi story होली कथा: पौराणिक कथा के अनुसार कामदेव द्वारा भगवान शंकर की तपस्या भंग करने पर महादेव ने फाल्गुन अष्टमी पर ही उन्हें भस्म कर दिया था तब रति ने कामदेव के पुर्नजीवन हेतु कठिन तप किया फलस्वरुप शिव जी ने इसी पूर्णिमा पर कामदेव को नया जीवन दिया तब सम्पूर्ण सृष्टि में आनन्द मनाया गया।

PunjabKesari Holi and Tantra Mantra

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार होलिकाष्टक का काल होली से पहले अष्टमी तिथि से प्रारंभ होता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से होली समस्त काम्य अनुष्ठानों हेतु श्रेष्ठ है। अष्टमी तिथि को चंद्र, नवमी तिथि को सूर्य, दशमी तिथि को शनि, एकादशी तिथि को शुक्र, द्वादशी तिथि को गुरू, त्रयोदशी तिथि को बुध, चतुर्दशी को मंगल व पूर्णीमा तिथि को राहु उग्र हो जाते है जो व्यक्ति के शारिरीक व मानसिक क्षमता को प्रभावित करते हैं साथ ही निर्णय व कार्य क्षमता को कमजोर करते हैं।

PunjabKesari Holi and Tantra Mantra

होलिका दहन से पूर्व के पूर्णिमा को प्रात: से रात्रि 12 बजे तक तांत्रिक विभिन्न प्रकार के तंत्र-मंत्रों को सिद्ध करने का कार्य करते हैं। तांत्रिक प्रक्रिया में वनस्पति संबंधित सामग्री का उपयोग पर उतारा आदि करते हैं। तंत्रसार अनुसार होलिका दहन की रात्री पर श्मशान की राख को अनिष्टकारी कार्यों लिए उपयुक्त माना जाता है।   

मान्यतानुसार होलिका दहन के समय उसकी उठती हुई लौ की दिशा से कई संकेत मिलते हैं। पूर्व की ओर लौ उठना कल्याणकारी होता है, दक्षिण की ओर लौ उठना पशु पीड़ा देता है, पश्चिम की ओर लौ उठना सामान्य व उत्तर की ओर लौ उठने से बारिश होने की संभावना रहती है।

PunjabKesari Holi and Tantra Mantra

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!