Edited By Mansa Devi,Updated: 15 Dec, 2025 12:29 PM

केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को समाप्त कर ग्रामीण रोजगार के लिए एक नया कानून लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इस संबंध में एक प्रस्तावित विधेयक की प्रति लोकसभा सदस्यों के बीच वितरित कर...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को समाप्त कर ग्रामीण रोजगार के लिए एक नया कानून लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इस संबंध में एक प्रस्तावित विधेयक की प्रति लोकसभा सदस्यों के बीच वितरित कर दी है। इस नए कानून का नाम ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025’ रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस विधेयक का उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिए एक ऐसा नया विकास ढांचा तैयार करना है, जो ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विज़न के अनुरूप हो। प्रस्तावित कानून के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका सुरक्षा को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने की कोशिश की गई है।
125 दिनों के रोजगार की वैधानिक गारंटी का प्रस्ताव
प्रस्तावित विधेयक के तहत हर ग्रामीण परिवार को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के मजदूरी आधारित रोजगार की वैधानिक गारंटी देने का प्रावधान किया गया है। यह गारंटी उन परिवारों को मिलेगी, जिनके वयस्क सदस्य स्वेच्छा से अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए तैयार होंगे। फिलहाल, मनरेगा अधिनियम 2005 के तहत ग्रामीण परिवारों को सालाना 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है।
ग्रामीण विकास को नए नजरिए से जोड़ने की कोशिश
विधेयक के उद्देश्यों में ग्रामीण भारत को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया है। इसमें सशक्तिकरण, विकास, विभिन्न योजनाओं के अभिसरण और अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने यानी ‘संतृप्ति’ को बढ़ावा देने की बात कही गई है। सरकार का मानना है कि यह नया कानून ग्रामीण विकास की मौजूदा व्यवस्था को आधुनिक जरूरतों के अनुरूप ढालने में मदद करेगा।
संसद में पेश होने की तैयारी
सरकार इस विधेयक को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है, जिसके बाद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 को औपचारिक रूप से निरस्त किया जा सकता है। अगर यह विधेयक पारित होता है, तो यह ग्रामीण रोजगार और आजीविका सुरक्षा से जुड़ी नीतियों में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव माना जाएगा।