Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Apr, 2019 12:54 PM
संगीतकार गाल्फर्ड की एक शिष्या यूं तो गायन प्रतिभा की धनी थी, पर वह सहमी-सहमी रहती और दूसरों के सामने अपनी प्रतिभा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाती। एक दिन गाल्फर्ड ने उससे एकांत में पूछा कि
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
संगीतकार गाल्फर्ड की एक शिष्या यूं तो गायन प्रतिभा की धनी थी, पर वह सहमी-सहमी रहती और दूसरों के सामने अपनी प्रतिभा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाती। एक दिन गाल्फर्ड ने उससे एकांत में पूछा कि वह रियाज या रिहर्सल करते वक्त तो बहुत अच्छा गाती है, पर मंच पर पहुंचते ही नर्वस क्यों हो जाती है?
शिष्या ने सहमे स्वर में जवाब दिया, ‘‘गुरुजी, मैं दूसरी लड़कियों की तरह आकर्षक नहीं हूं। अपनी कुरूपता की वजह से संगीत के मंच पर जाते ही मुझे लगने लगता है कि दूसरी खूबसूरत लड़कियों की तुलना में दर्शक मुझे नापसंद करेंगे और मेरी हंसी उड़ाने लगेंगे। यह विचार मन में आते ही मैं सकपका जाती हूं और मैंने जो गाने की तैयारी की हुई होती है, वह सब भी गड़बड़ा जाती है।’’
यह सुनकर गाल्फर्ड उसे एक बड़े शीशे के सामने ले गए और कहा, ‘‘इसमें तुम अपनी छवि को गौर से देखो। तुमसे किसने कह दिया कि तुम कुरूप हो? फिर स्वर की मधुरता का शारीरिक सौंदर्य से कोई संबंध भी नहीं है। मैंने देखा है कि जब तुम भाव-विभोर होकर गाती हो, तब तुम्हारा आकर्षण और भी ज्यादा बढ़ जाता है और उस समय कुरूपता की बात कोई सोच भी नहीं सकता। तुम अपने मन से यह हीनता का भाव निकाल दो। सुंदरता के अभाव के बारे में सोचने के बजाय अपने स्वर की मधुरता और भाव-विभोर होने की मुद्रा से उत्पन्न आकर्षण पर विचार करो। इस तरह तुम्हारा आत्मविश्वास बढ़ेगा और प्रदर्शन भी निखरेगा। मुझे यकीन है कि तुम एक दिन बहुत बड़ी गायिका बनोगी।’’
अपने गुरु की सलाह पर अमल करते हुए उस युवा गायिका ने जब शीशे के सामने गाते हुए खुद को निहारा तो उसे लगा कि गुरु का कहना सही है कि भाव-विभोर होकर गाने का अलग ही आकर्षण है। जो लड़की अपने आरंभिक दिनों में सकपकाई हुई रहती थी और कुछ आयोजनों में जाने के बाद एक तरह से हताश हो चुकी थी, वह नए जोश और उमंग के साथ निरंतर सफलता की सीढिय़ां चढ़ते हुए आगे चलकर फ्रांस की एक प्रख्यात गायिका बनी और उसने कामयाबी के नए शिखरों को छुआ।
इस ग्रह की वजह से लड़कियां बन जाती हैं Tomboy... (VIDEO)