Edited By Sarita Thapa,Updated: 13 Dec, 2025 09:11 AM

नई दिल्ली (स.ह.): भारत मंडपम में 2 दिवसीय ‘इंटरनैशनल जनमंगल सम्मेलन’ आयोजित किया गया जिसमें योग और उपवास के 2 प्रसिद्ध संतों-योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज और जैन संत अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में, एक जन आंदोलन ‘हर...
नई दिल्ली (स.ह.): भारत मंडपम में 2 दिवसीय ‘इंटरनैशनल जनमंगल सम्मेलन’ आयोजित किया गया जिसमें योग और उपवास के 2 प्रसिद्ध संतों-योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज और जैन संत अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में, एक जन आंदोलन ‘हर मास-एक उपवास’ (हर महीने 7 तारीख को एक बार उपवास) शुरू किया गया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि भारत मण्डपम की यह भूमि आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विज्ञान का अद्भुत साक्षी बन रहा है।
कार्यक्रम में अंतर्मना प्रसन्न सागर जी महाराज ने कहा कि उपवास आत्मिक ऊर्जा को जगाने वाला दिव्य साधन है। सम्मेलन में स्वामी रामदेव ने कहा कि हर मत, पंथ, परम्परा, धर्म, अनुष्ठान और शुभ प्रसंग में उपवास का समान रूप से प्रावधान और महत्व है। उपवास से शरीर, मन और अंत:करण की शुद्धि होती है जिससे मनुष्य जीते जी जीवन से मुक्त हो जाता है।
इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, जैन मुनि पीयूष सागर जी महाराज, आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, सुप्रसिद्ध लिवर विशेषज्ञ डॉ. एस.के. सरीन, इंडिया टी.वी. के चेयरमैन रजत शर्मा ने भी लोगों को उपवास के लिए प्रेरित किया।
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