Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Aug, 2020 11:21 AM
श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, जिसे बाल गोपाल श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों
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Sri Krishna Janmashtami 2020: श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, जिसे बाल गोपाल श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरी श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाता है। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा की परम्परा का आधार मानकर मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के दिन ही केंद्रीय सरकार अवकाश की घोषणा करती है। वैष्णव संप्रदाय के अधिकांश लोग उदयकालिक नवमी युता जन्माष्टमी व्रत हेतु ग्रहण करते हैं।
सुबह स्नान के बाद, व्रतानुष्ठान करके ‘ओम नमो: भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जाप करें। पूरे दिन व्रत रखें। रात्रि के समय ठीक बारह बजे, लगभग अभिजित मुहूर्त में भगवान की आरती करें। प्रतीक स्वरूप खीरा फोड़ कर, शंख ध्वनि से जन्मोत्सव मनाएं। चंद्रमा को अर्घ्य देकर नमस्कार करें। तत्पश्चात माखन, मिश्री, धनिया, केले, मिष्ठान आदि का प्रसाद ग्रहण करें और बांटें। अगले दिन नवमी पर नन्दोत्सव मनाएं।
भगवान कृष्ण की आराधना के लिए आप यह मंत्र पढ़ सकते हैं :
ज्योत्स्नापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिशां पते!
नमस्ते रोहिणी कान्त अर्घ्य मे प्रतिगृह्यताम्!!
संतान प्राप्ति के लिए : इच्छुक दंपति, संतान गोपाल मंत्र का जाप पति-पत्नी दोनों मिलकर करें :
देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते!
देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:!!
दूसरा मंत्र-
क्लीं ग्लौं श्यामल अंगाय नम: !!
विवाह में विलंब के लिए मंत्र है :
ओम् क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा।
इन मंत्रों की एक माला अर्थात 108 मंत्र कर सकते हैं।
ब्रह्म संहिता के अनुसार : ईश्वर:परम:कृष्ण:सच्चिदानंद विग्रह:। अनादिरादिर्गोविन्द: सर्व कारणकारणम्।।
अर्थात- श्री कृष्ण सच्चिदानंद विग्रह परमेश्वर हैं, वह गोविंद, अनादि हैं तथा सबके आदि और समस्त कारणों के कारण हैं। उनकी महिमा को शब्दों में समेटा नहीं जा सकता। गीता उपदेश के द्वारा अर्जुन की बुद्धि को शुद्ध करने वाले तथा समस्त विश्व के लिए कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाले भगवान श्री कृष्ण को कोटि-कोटि नमन है।