Edited By Jyoti,Updated: 03 Oct, 2019 11:22 AM
नवरात्रि में नवदुर्गा के साथ-साथ इनके विभिन्न नौ रूपों की भी पूजा का विशेष महत्व होता है। कहा जाता नवरात्रि के ये नौ दिन मैय्या की कृपा पाने के लिए सबसे श्रेष्ठ होते हैं।
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नवरात्रि में नवदुर्गा के साथ-साथ इनके विभिन्न नौ रूपों की भी पूजा का विशेष महत्व होता है। कहा जाता नवरात्रि के ये नौ दिन मैय्या की कृपा पाने के लिए सबसे श्रेष्ठ होते हैं। यही कारण है सभी इन नौ दिनों में मां को प्रसन्न करने में जुट जाते हैं। जिसमें नौ दिन मां के व्रत करने, सही विधि से उनकी पूजा करने के साथ-साथ उनकी स्तुति करने सबस सर्वश्रेष्ठ होता है। मगर शायद आप भूल रहे हैं इसके अलावा भी एक चीज़ होती है जो नवरात्रों में करना ज़रूरी होती है। अखंड ज्योति, नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने वाल साधक के लिए घर में अखंड ज्योति को प्रजवल्लित करना बेहद आवश्यक होता है।
ज्योतिष शास्त्र में इसे लेकर मान्यता है कि नवरात्र में घरों में मां की अखंड ज्योति को जलाने से जीवन में से अंधकार दूर होता है। तो आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं अखंड ज्योति से जुड़ी खास जानकारी। माना जाता है नवरात्रि में जितना कलश स्थापना का महत्व होता है उतना ही घर में अखंड ज्योति को प्रजवल्लित करने का महत्व होता है लेकिन ऐसा करने से पहले उससे जुड़े कुछ नियम जान लेने चाहिए। कहा जाता है अखंड ज्योति से जुड़े इन नियमों का पालन करने से मां दुर्गा अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं।
मिट्टी और पीतल का दीपक
अखंड ज्योति जलाने के लिए थोड़े बड़े आकार का दीपक पूजा के लिए चुनना चाहिए। इसके अलावा मिट्टी के दीपक का भी चुनाव कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा के लिए मिट्टी और पीतल के दीपक को शुद्ध माना जाता है।
अखंड ज्योति का दीपक हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए। इसे कभी भी खाली ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए।
परंतु पूजा के दीपक को जलाने से पहले उसे किसी ऊंचे स्थान जैसे पटरे या चौकी पर रखने से पहले उसमें गुलाल या रंगे हुए चावलों से अष्टदल बनाएं।
बहुत कम लोग जानते हैं कि नवरात्रि के अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाती है। इसके लिए सवा हाथ का रक्षा सूत्र लेकर उसे बाती की तरह बनाकर इसे दीपक के बीचों-बीच रखें।
बता दें अखंड ज्योति जलाने के लिए घी, सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ध्यान रखें कि अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाहिने तरफ, अगर दीपक तेल का है तो उसे देवी मां के बाईं तरफ रखना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक दीपक जलाने से पहले गणेश भगवान, मां दुर्गा और भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।
अखंड ज्योति जलान का कारण व महत्व
बता दें अखंड ज्योति का मतलब उस दीपक से होता है दिन-रात जलता रहता है। यानि जो दीपक बुझता नहीं। मान्यता नवरात्रि काल के दौरान घर में प्रजवल्लित किया गया दीपक व्रत की समाप्ति तक बुझना नहीं चाहिए। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो नवरात्रि के दौरान मां के समक्ष अखंड ज्योति जलाने के पीछे एक अहम वजह ये है कि जिस तरह घोर अंधेरे में एक छोटा-सा दीपक विपरीत परिस्थितियों में रहकर अपने आस-पास का अंधेरा दूर कर उस जगह को रोशनी से भर देता है उसी तरह माता के भक्त मां की आस्था के सहारे अपने जीवन के अंधकार को मिटाते हैं।