Edited By Lata,Updated: 12 Jan, 2020 02:05 PM
शास्त्रों के अनुसार माघ मेले की शुरुआत 10 जनवरी 2020 से हो चुकी है और ये 21 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
शास्त्रों के अनुसार माघ मेले की शुरुआत 10 जनवरी 2020 से हो चुकी है और ये 21 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। हिंदू धर्म में माघ महीने को बहुत ही शुभ व पवित्र माना जाता है। इस दौरान जप तप, स्नान, दान और पुण्य का विशेष महत्व है। पौष पूर्णिमा से हर साल प्रयागराज में माघ मेला शुरू हो जाता है। बता दें कि इस स्थान पर दूर-दूर से लोग स्नान के लिए आते हैं और उन्हीं लोगों में विदेशी लोग भी शामिल होते हैं। इसी के साथ बहुत से लोग यहां कल्पवास के लिए भी एकत्रित होते हैं। आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
कहते हैं कि जब माघ मास में पुण्य प्राप्ति के लिए श्रद्धालु गंगा-यमुना के संगम स्थल पर माघ मास में पूरे तीस दिनों तक यानि पौष पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक वास करते हैं, उसे कल्पवास कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान के साथ जरूरतमंद लोगों को सर्दी से बचने के लिए ऊनी कपड़े, कंबल और आग तापने के लिए लकड़ी आदि का दान एवं धन और अनाज देने से अनंत पुण्य फल प्राप्त होता है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ के महीने में पवित्र गंगा नदी में स्नान करना फलदायी होता है। माघ मेले के दौरान बताया जा रहा है कि परमहंस आश्रम (अमेठी) के महंत मौनी महाराज एक विशेष ‘त्रिशूल पूजा’ करेंगे जिसमें हवन और आरती शामिल है। बताया जा रहा है कि इस पूजा के माध्यम से वो धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की कोशिश करेंगे जिससे देश की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार आ सके।
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