मासिक दुर्गाष्टमी 2021: आज देवी दुर्गा को करें ये पुष्प अर्पित, होगी मनोकामनाओं की पूर्ति

Edited By Jyoti,Updated: 11 Dec, 2021 10:48 AM

masik durga ashtami margshirsha

आज 11 दिसंबर दिन शनिवार को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना करने का विधान है

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज 11 दिसंबर दिन शनिवार को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और दुख- दर्द दूर होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मासिक दुर्गाष्टमी इस दिन सुबह जल्दी उठकर, सभी नित्यकर्मो से निवृत्त होकर स्नानादि करके। साफ व स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। फिर पूजास्थल पर गंगाजल डालकर उसे शुद्ध करके इसके बाद लकड़ी का पाट रखें। इस पर लाल वस्त्र बिछाएं और उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। फिर मां दुर्गा को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें। मां को फल और मिठाई चढ़ाएं, इसके उपरातं धूप और दीपक जलाकर मां की आरती करें और दुर्गा मां की चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। इसके अलावा यहां जानें इस दिन का शुभ मुहूर्त व जानिए कि देवी को इस दिन कौन से पुष्प अर्पित करने चाहिए। 

इन शुभ मुहूर्तों में करें पूजा- अर्चना-
ब्रह्म मुहूर्त- 05:15 ए एम से 06:09 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:54 ए एम से 12:35 पी एम
विजय मुहूर्त- 01:58 पी एम से 02:39 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:15 पी एम से 05:39 पी एम
अमृत काल- 02:17 पी एम से 03:56 पी एम

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवती गौरी को अपामार्ग विशेष प्रिय है। तो वहीं वास्तु शास्त्र में मुख्य रूप से जानकारी दी है कि देवी को कौन से पुष्प अर्पित करे चाहिए। जितने लाल फूल, सफेद कमल, पलाश, तगर, अशोक, चंपा, मौलसिरी, मदार, कुंद, लोध, कनेर, आक, शीशम और अपराजित (शंखपुष्पी) आदि के फूलों से भी देवी की पूजा की जाती है। 

इन फूलों में आक और मदार, दो फूलों का निषेध भी मिलती है। हालांकि अन्य फूल न मिलें, तब ही इन दोनों का उपयोह करें। दुर्गा से भिन्न देवियों पर इन दोनों का उपयोन न करें। 

आक और मदार की तरह दुर्वा, तिलक, मालती, तुलसी, भंगरैया और तामल भी निषिद्ध हैं। इन फूलों के संबंध में तत्वसागरसंहिता का कथन है कि जब शास्त्रओं से विहित फूल न मिल पाएं तो निषिद्ध फूलों से पूजा कर सकते हैं। 

शमी, अशोक, कर्णिकार ( कनियार या अमलास), गूमा, दोपहरिया, अगस्त, मदर, सिदुंरवार, शल्लकी, माधवी, आदि लताएं, कुश की मंजरिया, बिल्वपत्र, केवड़़ा, कदंब, भतकटैया, कमल ये फूल भगवती को प्रिय हैं। 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!