Navratri: भगवान शिव और श्रीराम भी करते हैं शक्ति की पूजा, आप भी उठाएं लाभ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Oct, 2020 09:39 AM

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वर्षा ऋतु समाप्ति पर शरद ऋतु के प्रारंभ और वातावरण परिवर्तन के दौरान शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाने से रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है। हमारे मनीषियों ने इस समस्या के समाधान के लिए शक्ति संचय का

Navratri 2020 in october: वर्षा ऋतु समाप्ति पर शरद ऋतु के प्रारंभ और वातावरण परिवर्तन के दौरान शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाने से रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है। हमारे मनीषियों ने इस समस्या के समाधान के लिए शक्ति संचय का आह्वान किया। शरीर में कम हो रही ऊर्जा को प्राकृतिक स्रोतों से ग्रहण करने का प्रयास नवरात्रों में किया जाता है।

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Navratri 2020: शक्ति संचय के लिए नवरात्रों से श्रेष्ठ कोई मुहूर्त नहीं। वह शक्ति जिसके बिना त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी अपूर्ण हैं, उस सम्पूर्ण शक्ति का नाम है महाशक्ति देवी भगवती दुर्गा मां। जगत जननी माता दुर्गा का प्रादुर्भाव ही देवताओं के कल्याण, भक्तों को अभयदान देने और असुरों का नाश करने के लिए हुआ है। उनका हेतु सिर्फ एक है अपने बच्चों का मंगल करना।
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Navaratri: सम्पूर्ण विश्व में देवी अथवा शक्ति उपासना सभी धर्म, वर्ग, जाति, सम्प्रदायों द्वारा किसी न किसी रूप में अति उत्साह, श्रद्धा निष्ठा द्वारा की जाती है इसीलिए तो दुर्ग सप्तशती के देवी सुक्तम में यह स्पष्ट लिखा है :
या  देवी सर्वभुतेषू मातृरूपेण संस्थिता
या  देवी सर्वभुतेषू शक्तिरूपेण संस्थिता
या  देवी सर्वभुतेषू लक्ष्मी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै-नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

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Shardiya Navratri 2020: यह शक्ति दुर्गा हो, काली हो, महालक्ष्मी हो अथवा अन्य नामों से संबोधित मां का कोई भी रूप हो, सभी परम आराध्य महाशक्तियां हैं। संसार का सृजन करने वाली भी यही शक्तियां हैं और सर्वव्यापी भी यही हैं।

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Navratri Mahotsav: देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव भोलेशंकर भंडारी ने इन्हीं की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था। मां भगवती का स्मरण, ध्यान पूजन हमें वास्तविक परम शक्तिदायक अमरत्व पद की ओर ले जाता है।

Navratri and Durga Puja 2020: इस शुभ अवसर पर दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाता है। इस दौरान अखंड ज्योति जलाने, खेतरी बीजने, कलश स्थापना करने, लाल वस्त्र पहनने और फलाहार करने का विशेष महत्व है। भगवान श्री राम रावण पर विजय पाने के लिए नवरात्र में शक्ति की पूजा की थी। इस व्रत को भगवान शिव ने भी किया था। नवरात्र के दिन शक्ति पूजन, संवद्र्धन और शक्ति संचय के होने के कारण इन दिनों शक्ति की आराधना की जाती है।

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