Edited By Sarita Thapa,Updated: 18 Aug, 2025 06:00 AM

Omkareshwar Jyotirlinga: भारत में शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंग हैं, उन्हीं में से एक भारत की पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। ओंकारेश्वर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है “ओंकार” जो ईश्वर का प्रतीक है और “ईश्वर” जो भगवान...
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Omkareshwar Jyotirlinga: भारत में शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंग हैं, उन्हीं में से एक भारत की पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। ओंकारेश्वर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है “ओंकार” जो ईश्वर का प्रतीक है और “ईश्वर” जो भगवान शिव को दर्शाता है। यह स्थान न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि रहस्यमयी कथाओं और मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि यहां शिव और पार्वती रात के समय चौपड़ खेलते हैं, और यहां की चट्टानों से ‘ॐ’ की ध्वनि गूंजती है। तो आइए जानते हैं ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़े कुछ ऐसे विशेष रहस्य के बारे में-

शिव-पार्वती का चौपड़ का खेल
ओंकारेश्वर में एक विशेष स्थान ऐसा है जहां स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती रात्रि के समय चौपड़ खेलते हैं। कहा जाता है कि इस खेल के निशान आज भी वहां की चट्टानों पर देखे जा सकते हैं। यह स्थान भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है, जहां वे दिव्यता और ऊर्जा का अनुभव करते हैं।

ॐ के आकार का द्वीप
ओंकारेश्वर द्वीप का स्वरूप ऊपर से देखने पर ‘ॐ’ के आकार का प्रतीत होता है। यही कारण है कि इस स्थल को “ओंकारेश्वर” कहा गया। यह भारत के कुछ चुनिंदा प्राकृतिक स्थानों में से एक है, जो स्वयं 'ॐ' के प्रतीक रूप में विद्यमान है।
हर पत्थर से निकलती है ‘ॐ’ की ध्वनि
भक्तों की मान्यता है कि यहां की पर्वतमालाओं और पत्थरों में ‘ॐ’ की गूंज सुनाई देती है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि यदि ध्यान से सुनें, तो नदी की बहती धारा में भी ‘ॐ’ की ध्वनि महसूस होती है।
