Edited By Sarita Thapa,Updated: 15 Dec, 2025 02:43 PM

भगवान शिव की स्तुति के लिए अनगिनत मंत्र और स्तोत्र प्रचलित हैं, जिनमें से रावण रचित 'शिव तांडव स्तोत्र' अपनी प्रचंड ऊर्जा, लय और जटिल संस्कृत शब्दावली के कारण सबसे अधिक लोकप्रिय है।
Viral Shiv Mantra: भगवान शिव की स्तुति के लिए अनगिनत मंत्र और स्तोत्र प्रचलित हैं, जिनमें से रावण रचित 'शिव तांडव स्तोत्र' अपनी प्रचंड ऊर्जा, लय और जटिल संस्कृत शब्दावली के कारण सबसे अधिक लोकप्रिय है। लेकिन सोशल मीडिया और धार्मिक मंचों पर इन दिनों एक ऐसा 'रहस्यमय शिव मंत्र' वायरल हो रहा है, जिसे सुनने वाले और पढ़ने वाले इसे शिव तांडव से भी अधिक कठिन, ऊर्जावान और दुर्लभ बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या है यह मंत्र और क्यों यह इतना हंगामा मचा रहा है।
क्यों है यह शिव तांडव से भी कठिन?
शिव तांडव स्तोत्र में 16 छंद हैं, जो भगवान शिव के तांडव नृत्य और उनकी शक्ति का वर्णन करते हैं, लेकिन इसकी शब्दावली एक निश्चित व्याकरणिक पैटर्न पर आधारित है। वहीं, इस वायरल मंत्र में कई जगह वर्णों का अप्रत्याशित दोहराव और उच्चारण की गति का अचानक परिवर्तन होता है, जो इसे कंठस्थ करने और शुद्ध रूप से जपने के लिए मानसिक एकाग्रता और वाक्पटुता की चरम सीमा मांगता है।
'टटकिटटट्टकिट्टटटकिट्टटटदृटकिट्टटट्ट किदृटकिटटट्टकिट्ट टकिटदृटटोन्मुखटंकृतिस्फुटोत्कटपट हादिनिस्वनवियप्तलताधिग्तलता टितार्भटोत्पटपटतांण्डवाटन टकारूणुतवसवेशपाहिमाम्॥'
मंत्र की जटिलता और रहस्य
यह वायरल मंत्र अक्सर किसी प्राचीन शिव स्तोत्र या तंत्र साहित्य से लिया गया बताया जाता है, लेकिन इसकी सटीक उत्पत्ति और प्रमाणिकता को लेकर विवाद है। इसकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण इसकी अद्वितीय रचना है।

शब्दों की कठिनता
इस मंत्र में ऐसे अप्रचलित और दुर्बोध संस्कृत शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिन्हें शुद्ध उच्चारण करना रावण रचित शिव तांडव के शब्दों के उच्चारण से भी ज़्यादा मुश्किल माना जा रहा है।
लय और गति
इसे जिस गति और लय में गाया जाता है, वह अत्यंत तीव्र और जटिल होती है। इसे दोहराना किसी भी सामान्य भक्त के लिए लगभग असंभव है, इसीलिए इसे 'कठिन' की उपाधि मिली है।
कम ज्ञात होना
शिव तांडव स्तोत्र लगभग हर शैव भक्त को ज्ञात है, लेकिन यह वायरल मंत्र बहुत कम लोगों को पता है, जिससे इसके प्रति रहस्य और जिज्ञासा का भाव पैदा होता है।
भक्तों में हंगामा और ऊर्जा का आकर्षण
इस मंत्र के वायरल होने के बाद, धार्मिक मंचों और यूट्यूब पर इसे सुनने वालों की प्रतिक्रियाएं ज़बरदस्त हैं। कई भक्त दावा करते हैं कि इस मंत्र को सुनने मात्र से उन्हें प्रचंड सकारात्मक ऊर्जा और कंपन महसूस होती है, जो उन्हें किसी अन्य मंत्र में नहीं मिलती। युवा पीढ़ी इस मंत्र को एक चुनौती के रूप में ले रही है और इसे शुद्ध रूप से सीखने का प्रयास कर रही है, जिससे इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई है। ऐसी मान्यता भी जुड़ गई है कि जो भक्त इस कठिन मंत्र का शुद्ध उच्चारण कर लेता है, वह सीधे भगवान शिव का अतिप्रिय बन जाता है।
