Paush Amavasya: साल 2024 की पहली पौष अमावस्या पर सूर्य करेंगे परिवर्तन, जानें महत्व और पूजा विधि

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Jan, 2024 10:14 AM

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सनातन धर्म में पौष माह की अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। साल 2024 की पहली पौष अमावस्या पर सूर्य नक्षत्र परिर्वतन कर रहे हैं।

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Paush Amavasya 2024: सनातन धर्म में पौष माह की अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। साल 2024 की पहली पौष अमावस्या पर सूर्य नक्षत्र परिर्वतन कर रहे हैं। पौष अमावस्या पितरों के तर्पण के साथ-साथ स्नान और दान के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। पौष अमावस्या के दिन सूर्य का परिवर्तन बहुत खास होने वाला है, क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जा रहे हैं। इस दिन स्नान-दान के साथ-साथ विष्णु जी की पूजा करने से भी अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देना भी बहुत विशेष माना जाता है।

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Paush Amavasya 2024 date पौष अमावस्या 2024 डेट
हर साल की पहली अमावस्या को पौष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पौष अमावस्या 11 जनवरी 2024 गुरुवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 10 जनवरी 2024 बुधवार रात 8:10 पर शुरू होकर 11 जनवरी गुरुवार को शाम 5:26 पर समाप्त होगी।

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स्नान व दान-दक्षिणा का मुहूर्त सुबह 5:57 से लेकर सुबह 6:21 तक रहेगा। पितरों के तर्पण के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 से दोपहर 12:50 तक रहेगा।

Paush Amavasya 2024 significance पौष अमावस्या 2024 महत्व
पौष अमावस्या पर पड़ने के कारण इस अमावस्या को बहुत लाभदायक और शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से और पूरे मन से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को कई गुणा अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा देने से पापों से मुक्ति मिलती है। पौष अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Paush Amavasya Puja Method पौष अमावस्या पूजा विधि
अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर नहा लें। फिर घर की साफ-सफाई करके सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के बाद एक लोटे में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की और मुंह करके अपने पितरों को तर्पण दें। इसके बाद पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा करते समय विष्णु चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती करके अपनी सुख-समृद्धि की कामना करें। इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार जरूरतमंदों को दान करें।

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