कुंडली में शनि की स्थिति तय करती है, आप राजा बनेंगे या रंक

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Oct, 2020 05:55 AM

positive and negative effects of saturn in 12 houses

हमारे ज्योतिष में नौ ग्रह हैं और इन नौ ग्रहों में जब बात शनि की आती है, तो हम में से बहुत से लोग शनि के नाम पर ही भयभीत हो जाते हैं । चिंता में पड़ जाते हैं कि शनि न मालूम जीवन में क्या संकट खड़ा कर देंगे।

Positive and Negative Effects of Saturn in 12 Houses: हमारे ज्योतिष में नौ ग्रह हैं और इन नौ ग्रहों में जब बात शनि की आती है,  तो हम में से बहुत से लोग शनि के नाम पर ही भयभीत हो जाते हैं । चिंता में पड़ जाते हैं कि शनि न मालूम जीवन में क्या संकट खड़ा कर देंगे। बहुत से लोग शनि के नाम पर भोली-भाली जनता को डरा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं।

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Shani Dev Graha Effects: शनि एकमात्र ऐसे ग्रह हैं, जो हमारी कुंडली में किसी भी भाव में बैठकर हमारे जीवन की दशा और दिशा तय कर देते हैं। हमारे जीवन में सुख-दुख,  रोमांच, ऐश्वर्या, मुसीबत, समस्या और संघर्ष सब कुछ तय कर देते हैं। एक जन्म कुंडली में 12 भाव भाग होते हैं। शनि हर भाग में बैठ कर अलग परिणाम और फल देते हैं। शनि कुंडली के त्रिक भावों यानी छठे, आठवें और बारहवें भावों के कारक ग्रह हैं।

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Saturn in 1st house: अगर आपकी जन्मकुंडली बनी है तो आप अपनी कुंडली निकालिए और देखिए कि शनि किस भाव में है। पहले भाव यानी कुंडली के लग्न से बात करते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि प्रथम भाव में होता है और शुभ स्थिति में होता है तो वह व्यक्ति एक राजा के समान जीवन जीता है। यानी उसकी जिंदगी एश्वर्या पूर्ण रहती है। उसका सामाजिक व राजनीतिक रुतबा भी होता है और वह व्यक्ति नेतृत्व के गुणों से भी लैस होता है। ऐसे व्यक्ति को शराब और मांसाहारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए और अगर वह बचा रहेगा तो शनि उसकी जिंदगी में बहुत सकारात्मक परिणाम देगा।

Saturn in 2nd house: जिस व्यक्ति की कुंडली में दूसरे घर में शनि बैठे होते हैं, वह व्यक्ति बहुत बुद्धिमान, दयालु और न्याय कर्ता माना जाता है। वह आध्यात्मिक और धार्मिक स्वभाव का भी होता है। ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय उसके जन्म स्थान या पैतृक निवास स्थान से दूर ही होता है। ऐसा व्यक्ति अपने परिवार से थोड़ा दूर रहता है। चाहे जीविका यानी कैरियर की वजह से, चाहे किसी अन्य कारण से।

Saturn in 3rd house: जिस व्यक्ति की कुंडली में तीसरे भाव में शनि होता है, वह व्यक्ति सेल्फमेड होता है यानी अपने दम पर और अपने संघर्ष के बलबूते जिंदगी में मुकाम हासिल करता है और ऐसे व्यक्ति को समाज में बहुत मान सम्मान की निगाह से देखा जाता है। उसे स्त्री सुख भी भरपूर मिलता है। अगर तीसरे भाव में शनि अशुभ स्थिति में बैठा हो तो वह व्यक्ति बहुत आलसी हो जाता है और उसकी प्रवृत्ति भी बहुत लो लेवल की हो जाती है।

Saturn in 4th house: कुंडली के चौथे भाव में बैठा शनि ज्यादा शुभ नहीं माना जाता । कोई हेल्थ इशू दे देता है। ऐसे लोग कई बार जीवन में मकान बनाने से भी वंचित रह जाते हैं। यह स्थान माता का भी होता है और माता के लिए भी कोई न कोई कष्ट बना रहता है।
 
Saturn in 5th house: कुंडली के अगर पंचम भाव में शनि बैठा हो तो वह व्यक्ति को बहुत रहस्यवादी बना देता है। यानि वह व्यक्ति अपने राज जाहिर नहीं करता और न ही अपनी भावनाएं दूसरों से शेयर करता है। उसे अपनी पत्नी और बच्चों की भी ज्यादा चिंता नहीं रहती और दोस्तों के बीच भी उसकी कोई खास अच्छी छवि नहीं होती।

Saturn in 6th house: जिस व्यक्ति की कुंडली में छठे भाव जिससे रोग व शत्रु स्थान भी कहा जाता है, वहां शनि बैठा होता है तो वह व्यक्ति अपने शत्रुओं पर हमेशा विजय हासिल करता है, वह बहादुर होता है और यदि साथ में केतु भी बैठे हो तो व्यक्ति धनी भी होता है लेकिन अगर छठे भाव में बैठा शनि वक्री अवस्था में हो या निर्बल हो तो आलसी और रोगी भी बना देता है । सिर पर कर्जा भी चढ़ा देता है।

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Saturn in 7th house: अगर कुंडली के सातवें भाव में शनि बैठा हो तो वह व्यक्ति व्यापार में काफी सफल रहता है । खासकर मशीनरी और लोहे का काम उसे काफी फलता है। सातवां भाग दांपत्य का भी कहलाता है और अगर वह व्यक्ति अपनी पत्नी से अच्छे संबंध नहीं रखता तो शनि नीच और हानिकारक भी हो जाता है और व्यक्ति को अपने प्रोफेशन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

Saturn in 8th house: अगर कुंडली के अष्टम भाव में यानी आयु स्थान में शनि बैठा है तो वह व्यक्ति की आयु लंबी करता है। पिता के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।

Saturn in 9th house: कुंडली के नवम भाव जिसे भाग्य स्थान भी कहते हैं, अगर वहां शनि बैठा है तो वह व्यक्ति को बहुत पॉजिटिव नतीजे देता है और भाग्योदय करता है।  ऐसे व्यक्ति के जीवन में तीन घरों का सुख लिखा होता है। अगर कहीं उपलब्ध हो पाए तो ऐसे व्यक्ति को एक मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।

Saturn in 10th house: कुंडली का दशम भाव जिसे राज दरबार और पिता स्थान भी कहा जाता है, वहां पर शनि अच्छे परिणाम देता है। ऐसा व्यक्ति सरकार से भी लाभ प्राप्त करता है और जीवन का पूरा आनंद लेता है बहुत से ब्यूरोक्रेट और मंत्रियों की कुंडली में भी शनि इसी बात में बैठा होता है और ऐसे व्यक्ति कभी-कभी नामी ज्योतिष भी बन जाते हैं।

Saturn in 11th house: जिस व्यक्ति की कुंडली में ग्यारहवें भाव में शनि बैठा हो, वह व्यक्ति बहुत धनी होता है, कल्पनाशील होता है और जिंदगी के सभी सुख प्राप्त करने वाला होता है और ऐसा व्यक्ति चापलूस भी होता है।

Saturn in 12th house:अगर कुंडली के बारहवें भाव में शनि बैठा हो तो वह भी अच्छे परिणाम देता है। ऐसे व्यक्ति को परिवार सुख भी मिलता है और व्यापार में भी वृद्धि होती है। लेकिन अगर ऐसा व्यक्ति शराब पीना शुरू कर देता है या मांस खाता है तो शनि उस व्यक्ति का मन अशांत भी कर देते हैं और ऐसा व्यक्ति जीवन में परेशानी भी झेलता है।

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Effects Of Shani In Life: शनि अच्छा कर्म करने वालों पर हमेशा मेहरबान रहते हैं और बुरा कर्म करने वालों को उनके इसी जीवन काल में दंडित भी करते हैं और ऐसा दंड देते हैं कि व्यक्ति तौबा करने लगता है। जिन लोगों के ऊपर हमेशा कष्ट, गरीबी ,बीमारी और धन संबंधी परेशानी होती है, उन्हें शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए।  

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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