Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Dec, 2025 08:10 AM

Year Ender 2025: वर्ष 2025 में शनि ग्रह की खगोलीय गतिविधियां ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहीं। धीमी गति से चलने वाला यह ग्रह प्रत्येक राशि में दीर्घ प्रभाव छोड़ता है, इसलिए शनि के राशि परिवर्तन, नक्षत्र बदलाव, वक्री और अस्त होने के चरणों ने...
Year Ender 2025: वर्ष 2025 में शनि ग्रह की खगोलीय गतिविधियां ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहीं। धीमी गति से चलने वाला यह ग्रह प्रत्येक राशि में दीर्घ प्रभाव छोड़ता है, इसलिए शनि के राशि परिवर्तन, नक्षत्र बदलाव, वक्री और अस्त होने के चरणों ने इस वर्ष सभी राशियों के जातकों पर व्यापक प्रभाव डाला। जो लोग ज्योतिष पर विश्वास रखते हैं, उनके लिए 2025 में शनि से जुड़ी ये घटनाएं करियर, स्वास्थ्य, संबंध और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संकेत लेकर आईं।
शनि ग्रह का राशि परिवर्तन 2025: कुंभ से मीन राशि तक का सफर
साल 2025 में शनि ग्रह ने बड़ा और महत्वपूर्ण राशि परिवर्तन किया।
तारीख: 29 मार्च 2025 (शनिवार)
समय: दोपहर 11:01 बजे
राशि परिवर्तन: कुंभ राशि से मीन राशि

शनि का मीन राशि में प्रवेश ज्योतिषियों द्वारा एक निर्णायक खगोलीय घटना माना गया। शनि के मीन राशि में प्रवेश से:
जिम्मेदारियों में वृद्धि
आध्यात्मिकता और भावनात्मक परिपक्वता की ओर झुकाव
जीवन में अनुशासन और परिश्रम की परीक्षा
कई राशियों के लिए नए अवसर और चुनौतियां
इस गोचर का प्रभाव जीवन के विभिन्न पहलुओं को धीरज और संतुलन की दिशा में ले जाता है। शनि ग्रह नक्षत्र परिवर्तन 2025: अश्विनी से भाद्रपद तक का विस्तार। शनि ग्रह ने वर्ष 2025 में दो बड़े नक्षत्र परिवर्तन किए।
अश्विनी से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश
तारीख: 28 अप्रैल 2025 (सोमवार)
समय: सुबह 7:52 बजे
उत्तर भाद्रपद से पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में परिवर्तन
तारीख: 3 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार)
समय: रात 9:49 बजे
नक्षत्र परिवर्तन के प्रभाव:
मानसिकता और भावनात्मक व्यवहार में बदलाव
निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव
कर्म और परिणाम से जुड़े अनुभवों में तीव्रता
व्यक्तिगत रिश्तों व करियर में नए मोड़
शनि के नक्षत्र परिवर्तन को ज्योतिष में अत्यंत संवेदनशील समय माना जाता है, क्योंकि नक्षत्र मन और ऊर्जा के प्रवाह का प्रतीक होते हैं।
शनि ग्रह की अस्त और वक्री अवस्था 2025: कब कमजोर और कब प्रभावी रहा शनि?
शनि ग्रह अस्त 2025
शनि वर्ष 2025 में कुल 40 दिनों तक अस्त (combust) रहा।
अस्त शुरू: 28 फरवरी 2025, शाम 7:06 बजे
अस्त समाप्त: 9 अप्रैल 2025, सुबह 5:03 बजे
अस्त अवस्था के प्रभाव:
शनि के प्रभाव में कमी
निर्णयों में असमंजस
कार्यों में रुकावट
आध्यात्मिक ऊर्जा का मंद होना
शनि ग्रह वक्री 2025
शनि ग्रह इस वर्ष 138 दिनों तक वक्री रहा।
वक्री प्रारंभ: 13 जुलाई 2025 (रविवार)
वक्री समाप्त: 28 नवंबर 2025 (शुक्रवार)
वक्री अवस्था के प्रभाव:
आत्ममंथन और पुराने कर्मों का सामना
धीमी प्रगति
अधूरे कार्यों पर वापस फोकस
संबंधों और जिम्मेदारियों की परीक्षा
वक्री होने पर शनि की ऊर्जा भीतर की ओर काम करती है और व्यक्ति को अपने कर्मों, गलतियों और जिम्मेदारियों से सीखने का अवसर देती है।
शनि ग्रह की प्रमुख विशेषताएं
न्याय और कर्म का ग्रह
व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देना
जीवन में धैर्य, अनुशासन और परिश्रम बढ़ाना
मजदूर, इंजीनियर, साधु, किसान और मेहनतकश वर्ग पर विशेष प्रभाव
कमजोर शनि के लक्षण
बार-बार आर्थिक संकट
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां
परिवार में मतभेद
कार्यों में देरी और बाधाएं
आत्मविश्वास की कमी
शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय
सरसों के तेल का दान
शनिवार को शनि चालीसा पाठ
गरीबों, मजदूरों व जरूरतमंदों की सेवा
पीपल वृक्ष की पूजा
काले तिल का दान
साल 2025 में शनि ग्रह की गतिविधियों राशि परिवर्तन, नक्षत्र परिवर्तन, वक्री और अस्त होने ने पूरे वर्ष को ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाया। इन खगोलीय घटनाओं ने सभी राशियों के जीवन में अलग-अलग प्रभाव छोड़े और भविष्य की दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
