22 अगस्त को रक्षा बंधन पर तीन शुभ संयोग,  नहीं पड़ेगा भद्रा का साया!

Edited By Jyoti,Updated: 14 Aug, 2021 04:37 PM

raksha bandhan 2021

22 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। हमारे शास्त्रों में और ज्योतिष में इन संयोग को बेहद शुभ व अति उत्तम माना गया है। रक्षाबंधन के दिन बनने

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
22 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। हमारे शास्त्रों में और ज्योतिष में इन संयोग को बेहद शुभ व अति उत्तम माना गया है। रक्षाबंधन के दिन बनने वाले ये तीन खास संयोग  भाई-बहन के लिए भी शुभ व कल्याणकारी साबित होंगे। भाई और बहन के बीच प्रेम का पर्व रक्षाबंधन हर वर्ष हिन्दू कैलेंडर के श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को होता है। इस बार सावन माह की पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त दिन रविवार को है। ऐसे में  रक्षाबंधन का त्योहार भी 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखी एवं दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार के साथ जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। पौराणिक कथाओं में भी रक्षाबंधन के अलग अलग स्वरुपों के बारे में जानकारी मिलती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त को शाम 7 बजे से प्रारंभ हो रही हैं। वहीं इसका समापन 22 अगस्त को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदयातिथि 22 अगस्त को प्रात: है, इसलिए रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन इस बार भद्रा का साया नहीं होने से बहनें पूरे दिन स्नेह की डोर से भाइयों की कलाइयां सजा सकेंगी। इस दिन प्रात: 6 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 31 मिनट के मध्य बहनें कभी भी राखी बांध सकती हैं।

22 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग बना हुआ है। शोभन योग को मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है। इस योग में शुरू की गई यात्रा अत्यंत सुखद व मंगलकारी होती है. इस समय काल में आप यात्रा करके बहन के यहां भी जाते हैं तो यह शुभकारी रहेगा। रक्षाबंधन पर दूसरा योग बन रहा है धनिष्ठा नक्षत्र का। रक्षा बंधन के दिन धनिष्ठा नक्षत्र शाम को 07 बजकर 40 मिनट तक है। धनिष्ठा का स्वमी ग्रह मंगल है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोगों का अपने भाई और बहन से विशेष प्रेम होता है। इस आधार पर रक्षाबंधन का धनिष्ठा नक्षत्र में होना, भाई और बहन के आपसी प्रेम को बढ़ाने वाला होगा।

ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है कि धनिष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाला भाई अपने बहन के प्रति विशेष लगाव रखता है. लोग बहुमुखी प्रतिभा और बुद्धि के धनी होते हैं. रक्षा बंधन का त्योहार भी भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है। 22 अगस्त को राखी बांधने के लिए 12 घंटे 11 मिनट रहेंगे शुभ। आमतौर पर भद्रा के कारण बहनों को राखी बांधने के लिए समय कम ही मिलता रहा है। इस बार भद्रा नहीं होने से राखी बांधने के लिए 12 घंटे और 11 मिनट की अवधि का दीर्घकालीन शुभ मुहूर्त है। राखी सुबह 5 बजकर 50 मिनट से शाम 6 बजकर 03 मिनट तक कभी भी बांधी जा सकेगी।

बता दें 21 अगस्त शाम 3.45 बजे पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और पूर्णिमा तिथि का समापन 22 अगस्त को शाम 5.58 बजे होगा।

शुभ मुहूर्त : सुबह 5.50 मिनट से शाम 6.03 मिनट तक का है।

अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.04 से 12.58 मिनट तक है।

अमृत काल सुबह 9.34 से 11.07 तक रहेगा।

जबकि भद्रा काल  23 अगस्त को सुबह 5.34 से 6.12 तक है।

इसलिए 22 अगस्त को इस बार रक्षाबंधन का पर्व तीन शुभ संयोग में पड़ने जा रहा है। सभी भाई बहनों को रक्षाबंधन पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं।

गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail.com

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!