Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Aug, 2025 06:36 AM

Raksha Bandhan Vastu Tips: सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्यौहार हर साल मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लम्बी आयु की कामना करती हैं। राखी बहन की रक्षा का वचन होता है, जब-जब बहन पर संकट के बादल हों, तब-तब भाई यथासंभव...
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Raksha Bandhan Vastu Tips: सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्यौहार हर साल मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लम्बी आयु की कामना करती हैं। राखी बहन की रक्षा का वचन होता है, जब-जब बहन पर संकट के बादल हों, तब-तब भाई यथासंभव उसकी रक्षा करे। रक्षा बंधन पर अगर हम वास्तु के नियमों का ध्यान रखें तो भाई-बहन का संबंध और भी मजबूत, सकारात्मक और दीर्घकालिक बनता है।

राखी बांधने से पहले इस दिशा में भाई-बहन रखें अपनी मुंह
वास्तु के अनुसार रक्षा सूत्र बांधने से पहले बहन को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। भाई को बहन के ठीक सामने यानी दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा को दैवीय ऊर्जा का स्थान माना गया है। यहां से सकारात्मक तरंगें आती हैं, जो पूजा-पाठ और शुभ संस्कारों के लिए सर्वोत्तम मानी जाती हैं। भाई का मुख पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम की ओर होने से उसे संरक्षण और स्थिरता प्राप्त होती है। जो रक्षा बंधन के भावार्थ से मेल खाता है।
इस स्थान पर बैठकर भाई-बहन बांधे राखी
जिस जगह आप राखी बांधते हैं, वहां स्वच्छता और सात्विकता होना आवश्यक है। लकड़ी के पाट या चौकी पर पीला या सफेद कपड़ा बिछाएं। इसके ऊपर भाई को बिठाएं। अगर घर में तुलसी का पौधा या पूजा स्थान हो तो उसके समीप राखी बांधना बहुत शुभ होता है।

रक्षा बंधन पूजन विधि के दौरान वास्तु से जुड़े नियम:
सूर्य का प्रकाश
कोशिश करें कि सूर्य का प्राकृतिक प्रकाश (सुबह या दोपहर) उस स्थान पर पड़ रहा हो जहां राखी बांधी जा रही है। इससे ऊर्जा और रिश्ते दोनों प्रकाशित होते हैं।

स्वास्तिक का चिह्न बनाएं
चौकी या थाल में कुमकुम या हल्दी से स्वास्तिक बनाना शुभ होता है। यह वास्तु में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का प्रतीक है।
दीया (दीपक) पूर्व दिशा में रखें
दीपक को पूर्व दिशा में रखें और जलाएं, ताकि सद्गुण, प्रकाश और भाई-बहन के रिश्ते की गरिमा बनी रहे।

वास्तु से जुड़ी बातों के अनुसार राखी बांधने की विशेष बातें
चांदी की राखी या चांदी के सिक्के का उपयोग करें, इससे रिश्ते में शीतलता, सम्मान और आर्थिक वृद्धि आती है।
राखी बांधते समय बहन के पीछे दीवार न हो, इससे बहन की भावनाओं को खुला और स्वीकारात्मक वातावरण मिलता है।
भाई के हाथ में नारियल देना, वास्तु में यह संकल्प और सुरक्षा का प्रतीक है।
बहन राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई अपने हाथ से दे, वास्तुशास्त्र में इसे शुद्ध प्रेम की अभिव्यक्ति माना गया है।
यदि इस रक्षा बंधन पर आप राखी बांधते समय पास में तुलसी का पौधा रखें और अंत में एक साथ उसमें जल अर्पित करें, तो यह न केवल रिश्ते में सात्विकता बनाए रखेगा, बल्कि दोनों के जीवन में स्वास्थ्य और आध्यात्मिक सामंजस्य भी बना रहेगा।
