क्या है अच्छी सेहत पाने का राज, आप जानते हैं?

Edited By Jyoti,Updated: 22 Jul, 2021 04:37 PM

secret of good health in hindi

हमारे सोने की आदतों के लिए हमारी जीवनशैली बहुत हद तक जि मेदार होती है लेकिन इसके अन्य कारण भी हैं। एक शोध के आधार पर वैज्ञानिकों का दावा है कि आपकी सबसे बढ़िया नींद दिन में कि

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हमारे सोने की आदतों के लिए हमारी जीवनशैली बहुत हद तक जि मेदार होती है लेकिन इसके अन्य कारण भी हैं। एक शोध के आधार पर वैज्ञानिकों का दावा है कि आपकी सबसे बढ़िया नींद दिन में किन घंटों में होगी यह आपके जींस तय करते हैं।’’

वैज्ञानिकों के अनुसार सभी पौधों  और जीवों की 24 घंटे की एक निर्धारित बायोलॉजिकल क्लॉक होती है लेकिन हम ये भी जानते हैं कि उल्लू रात में जागने और पक्षी सुबह जल्दी उठने के लिए मशहूर हैं। यह उनके जींस पर आधारित होता है। ठीक इसी तरह हर इंसान एक ही जैसी साइकिल में नींद की आगोश में नहीं जाता।

पहले के शोधों में भी नींद के घंटों के चयन में जींस के दखल की बात के बारे में कहा गया था, लेकिन इस बारे में बहुत कम ज्ञात था कि जैनेटिक कोड का कौन-सा हिस्सा यह निर्धारित करता है कि आप उल्लुओं की तरह देर रात तक जागना पसंद करते हैं या पक्षियों की तरह जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना। नींद हर 24 घंटे में नियमित रूप से आने वाला वह समय है जब हम अचेतन अवस्था में होते हैं और आसपास की चीजों से अनजान रहते हैं।

सामान्यत: आपको नींद के बारे में सोचने की आवश्यकता नहीं होती। यह आपकी दिनचर्या का एक हिस्सा है लेकिन ज्यादातर लोग कभी न कभी नींद आने में परेशानी का सामना करते हैं। आप लोगों ने एक शब्द सुना होगा अनिद्रा। अगर आप बहुत चिंतित हों या बहुत उत्तेजित हों तो थोड़े समय के लिए आप इसके शिकार हो सकते हो और जब आपकी उत्तेजना या चिंता खत्म हो जाती है तो सब सामान्य हो जाता है अगर आपको अच्छी नींद नहीं आती है तो ये एक समय है क्योंकि नींद आपके शरीर और दिमाग को स्वस्थ एवं चुस्त रखती है।

नींद न आने से भूख मर जाना, मन नहीं लगना, घबराहट, बेचैनी से शूगर की मात्रा बढऩा तथा वजन घटने लगता है। अनिद्रा से शारीरिक बीमारियों जैसे लौह तत्व व विटामिन की कमी, मधुमेह तथा गुर्दे खराब हो सकते हैं।

कैलिफोर्निया की बायोटैक्नोलॉजी क पनी, एंडमी के वैज्ञानिक डेविस हिंडस के नेतृत्व में शोधकत्र्ताओं की टीम ने 89,283 लोगों के जीनोम का अध्ययन किया। जीनोम किसी भी जीव के डी.एन.ए. में मौजूद समस्त जीनों का अनुक्रम होता है। टीम ने नतीजों की तुलना वैब सर्वे से की जिसमें इन्हीं लोगों से उनकी नींद के घंटों की प्राथमिकता के बारे में पूछा गया था। नेचर क युनिकेशंस पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की नींद के पैटर्न और उनके जीन के बीच सीधा संबंध पाया गया।

सुबह जल्दी उठने वालों को नींद ने आने की समस्या होने की कम संभावना होती है। उन्हें आमतौर पर 8 घंटे से ज्यादा सोने की भी जरूरत नहीं पड़ती। उन्हें अवसाद होने का भी कम खतरा होता है जबकि रिसर्च में शामिल करीब 56 प्रतिशत उन लोगों को अवसाद का ज्यादा खतरा है जो रात को ज्यादा जागते हैं। रिसर्चरों ने यह भी पाया कि सुबह जल्दी उठने वालों पर उम्र का भी उतना असर नहीं पड़ता जितना देर रात तक जागने वालों पर पड़ता है इसलिए सुबह जल्दी उठने वाले ज्यादा स्वस्थ भी रहते हैं। हालांकि रिसर्चरों का कहना है कि सुबह जल्दी उठने वालों का बॉडी मास इंडैक्स, ल बाई, वजन इत्यादि भी बेहतर रहता है लेकिन इस संबंध को सीधे कारण और प्रभाव के तौर पर स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता है।

हम सभी को बचपन में सफलता व सेहत का एक मूलमंत्र सिखाया जाता है-सुबह जल्दी उठना। हालांकि, वक्त के साथ यह आदत कहीं न कहीं छूटने लगती है लेकिन जो लोग इस आदत को बरकरार रख पाते हैं, सफलता उनके कदम चूमती है।

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