Edited By Jyoti,Updated: 22 Oct, 2018 12:31 PM
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की विशेष पूजा होती है। कहा जाता है कि इस दिन चांद सोलह कलाओं संपूर्ण होकर अमृत बरसाता है।
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शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की विशेष पूजा होती है। कहा जाता है कि इस दिन चांद सोलह कलाओं संपूर्ण होकर अमृत बरसाता है। इसलिए इस दिन हर कोई चंद्र देव की विधि-विधान को ध्यान में रखते हुए पूजा करता है ताकि उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा दृष्टि से खुद को परिपूर्ण किया जा सके। लेकिन बहुत से लोग एेसे होते है जिनके पास वक्त की कमी होने का कारण वह अच्छे से चंद्रदेव की पूजा नहीं कर पाता। इसके साथ ही एेसे भी कई लोग होते हैं जो सम्यक ज्ञान न होने के कारण भी पूजा नहीं कर पाते और चंद्रदेव की कृपा से वंचित रह जाते हैं। तो आपको बता दें कि इसके लिए कुछ खास करने की ज़रूरत नही है, हम आपको चंद्रदेव की कृपा पाने का एक आसान उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आप भी बड़ी सरलता से शरद पूर्णिमा के दिन इनकी कृपा पा सकते हैं।
बता दें कि इसके लिए आपको कुछ ज्यादा ही नहीं केवल इनके 111 सरल पर प्रभावी मंत्रों का जाप करना होगा। कहा जाता है कि चंद्रदेव के इन नामों के स्मरण करने से धन से लेकर दांपत्य जीवन तक की सारी परेशानियों का खातमा हो जाता है। इसके साथ ही इस दिन इन मंत्रों का जाप करने से कुंडली में मौजूद सभी चंद्रदोश समाप्त हो जाते हैं। ज्योतिष की के अनुसार चंद्रदेवता मन के कारक ग्रह माने गए हैं इसलिए मन का विश्वास बढ़ाने में भी यह नाम फायदेमंद साबित होते हैं।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव के 111 नाम का करें स्मरण-
1.ॐ श्रीमते नमः।
2.ॐ शशधराय नमः।
3.ॐ चन्द्राय नमः।
4.ॐ ताराधीशाय नमः।
5.ॐ निशाकराय नमः।
6.ॐ सुधानिधये नमः।
7.ॐ सदाराध्याय नमः।
8.ॐ सत्पतये नमः।
9.ॐ साधुपूजिताय नमः।
10.ॐ जितेन्द्रियाय नमः।
11.ॐ जयोद्योगाय नमः।
12.ॐ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नमः।
13.ॐ विकर्तनानुजाय नमः।
14.ॐ वीराय नमः।
15.ॐ विश्वेशाय नमः।
16.ॐ विदुषां पतये नमः।
17.ॐ दोषाकराय नमः।
18.ॐ दुष्टदूराय नमः।
19.ॐ पुष्टिमते नमः।
20.ॐ शिष्टपालकाय नमः।
21.ॐ अष्टमूर्तिप्रियाय नमः।
22.ॐ अनन्ताय नमः।
23.ॐ कष्टदारुकुठारकाय नमः।
24.ॐ स्वप्रकाशाय नमः।
25.ॐ प्रकाशात्मने नमः।
26.ॐ द्युचराय नमः।
27.ॐ देवभोजनाय नमः।
28.ॐ कलाधराय नमः।
29.ॐ कालहेतवे नमः।
30.ॐ कामकृते नमः।
31.ॐ कामदायकाय नमः।
32.ॐ मृत्युसंहारकाय नमः।
33.ॐ अमर्त्याय नमः।
34.ॐ नित्यानुष्ठानदाय नमः।
45.ॐ क्षपाकराय नमः।
36.ॐ क्षीणपापाय नमः।
37.ॐ क्षयवृद्धिसमन्विताय नमः।
38.ॐ जैवातृकाय नमः।
39.ॐ शुचये नमः।
40.ॐ शुभ्राय नमः।
41.ॐ जयिने नमः।
42.ॐ जयफलप्रदाय नमः।
43.ॐ सुधामयाय नमः।
44.ॐ सुरस्वामिने नमः।
45.ॐ भक्तानामिष्टदायकाय नमः।
46.ॐ भुक्तिदाय नमः।
47.ॐ मुक्तिदाय नमः।
48.ॐ भद्राय नमः।
49.ॐ भक्तदारिद्र्यभंजनाय नमः।
50.ॐ सामगानप्रियाय नमः।
51.ॐ सर्वरक्षकाय नमः।
52.ॐ सागरोद्भवाय नमः।
53.ॐ भयान्तकृते नमः।
54.ॐ भक्तिगम्याय नमः।
55.ॐ भवबन्धविमोचकाय नमः।
56.ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः।
57.ॐ जगदानन्दकारणाय नमः।
58.ॐ निस्सपत्नाय नमः।
59.ॐ निराहाराय नमः।
60.ॐ निर्विकाराय नमः।
61.ॐ निरामयाय नमः।
62.ॐ भूच्छायाच्छादिताय नमः।
63.ॐ भव्याय नमः।
64.ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः।
65.ॐ सकलार्तिहराय नमः।
66.ॐ सौम्यजनकाय नमः।
67.ॐ साधुवन्दिताय नमः।
68.ॐ सर्वागमज्ञाय नमः।
69.ॐ सर्वज्ञाय नमः।
70.ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः।
71.ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः।
72.ॐ सितांगाय नमः।
73.ॐ सितभूषणाय नमः।
74.ॐ श्वेतमाल्याम्बरधराय नमः।
75.ॐ श्वेतगन्धानुलेपनाय नमः।
76.ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः।
77.ॐ दण्डपाणये नमः।
78.ॐ धनुर्धराय नमः।
79.ॐ कुन्दपुष्पोज्ज्वलाकाराय नमः।
80.ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः।
811.ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः।
82.ॐ अत्यन्तविनयाय नमः।
83.ॐ प्रियदायकाय नमः।
84.ॐ करुणारससम्पूर्णाय नमः।
85.ॐ कर्कटप्रभवे नमः।
86.ॐ अव्ययाय नमः।
87.ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः।
88.ॐ चतुराय नमः।
89.ॐ दिव्यवाहनाय नमः।
90.ॐ विवस्वन्मण्डलाज्ञेयवासाय नमः।
91.ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः।
92.ॐ महेश्वरप्रियाय नमः।
93.ॐ दान्ताय नमः।
94.ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः।
95.ॐ ग्रहमण्डलमध्यस्थाय नमः।
96.ॐ ग्रसितार्काय नमः।
97.ॐ ग्रहाधिपाय नमः।
98.ॐ द्विजराजाय नमः।
99.ॐ द्युतिलकाय नमः।
100.ॐ द्विभुजाय नमः।
101.ॐ द्विजपूजिताय नमः।
102.ॐ औदुम्बरनगावासाय नमः।
103.ॐ उदाराय नमः।
104.ॐ रोहिणीपतये नमः।
105.ॐ नित्योदयाय नमः।
106.ॐ मुनिस्तुत्याय नमः।
107.ॐ नित्यानन्दफलप्रदाय नमः।
108.ॐ सकलाह्लादनकराय नमः।
109.ॐ पलाशसमिधप्रियाय नमः।
110.ॐ चन्द्रमसे नमः।
111. ॐ सुधाकराय नम:।
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