Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Oct, 2020 06:01 AM
शरद पूर्णिमा बहुत सारे शुभ संयोग एक साथ लेकर आती है। कहा जाता है की इस दिन समुद्र मंथन हुआ था, उसमें से देवी लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इस दिन मां लक्ष्मी संग चंद्रमा के पूजन करने का विधान है।
Kojagiri Purnima 2020: शरद पूर्णिमा बहुत सारे शुभ संयोग एक साथ लेकर आती है। कहा जाता है की इस दिन समुद्र मंथन हुआ था, उसमें से देवी लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इस दिन मां लक्ष्मी संग चंद्रमा के पूजन करने का विधान है। शरद पूर्णिमा इसलिए भी खास है क्योंकि देवी लक्ष्मी को दीपावली पर हमेशा के लिए अपने पास रखने की तैयारी शुरू हो जाती है। चांद की चांदनी अमृत किरणों की वर्षा करती है और देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को बनाती हैं अपार धन-संपदा का मालिक। इस रोज़ किए गए कुछ उपाय कर सकते हैं, आपकी हर इच्छा को पूरा। सूर्यास्त के बाद जब चांद की किरणें चारों और फैलती हैं, उस समय करें चंद्र देव और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न।
रात 12 बजें तक अवश्य जागें, हरिनाम, भजन-कीर्तन करें।
रात 12 बजे के बाद चांद की रोशनी में पड़ी खीर खाएं, परिजनों में बांटें।
चांद की पूजा सफेद पुष्पों से करें।
मां लक्ष्मी की पूजा पीले फूलों से करें।
पंचामृत से लक्ष्मी का अभिषेक करें।
चांदी खरीदना बहुत शुभ होता है। सामर्थ्य न हो तो अष्टधातु खरीद सकते हैं।
चांदी से निर्मित देवी लक्ष्मी का दूध से अभिषेक करें। एक महीने के अंदर कर्ज समाप्त हो जाएगा और धन से संबंधित कोई भी परेशानी शेष नहीं रहेगी।
संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोग अपने वाद्य यंत्रों को हल्दी-कुमकुम और पुष्प अर्पित करके धूप-दीप दिखाएं।
यात्रा करना बहुत शुभ होता है, न कर सकें तो रूमाल में हल्दी, सुपारी और दक्षिणा बांध कर भगवान के पास रख दें। जिस दिन यात्रा के लिए जाएं उस दिन ये रूमाल साथ ले जाएं, सफलता मिलेगी।
चांद की रोशनी में मखाने और पान खाने से नवविवाहित जोड़ों (विवाहित जोड़े भी खाएं) को देवी लक्ष्मी कभी पीठ नहीं दिखाती।
फल और दूध का दान करें।