Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Jul, 2022 09:06 AM
श्रावण अष्टमी मेले शुक्रवार से शुरू हो गए हैं। मेलों को लेकर शक्तिपीठों चिंतपूर्णी व नयना देवी के मंदिर सज गए हैं। श्रावण
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
चिंतपूर्णी/नयनादेवी (हिमांशु/ मुकेश): श्रावण अष्टमी मेले शुक्रवार से शुरू हो गए हैं। मेलों को लेकर शक्तिपीठों चिंतपूर्णी व नयना देवी के मंदिर सज गए हैं। श्रावण अष्टमी मेले 6 अगस्त तक चलेंगे।
चिंतपूर्णी
चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट 24 घंटे खुले रहेंगे, मात्र एक घंटे तक सफाई व्यवस्था के लिए मंदिर के कपाट बंद होंगे।
यह रहेगी व्यवस्था
मन्दिर में दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। मेले के दौरान गाड़ियों को एम.आर.सी. व माईदास सदन में पार्क करने की व्यवस्था की गई है। बड़ी गाड़िया भरवाईं में पार्क करवाई जाएंगी। मेले के दौरान श्रद्धालुओं को कई जगह टूटी सड़क में पड़े गड्ढों पर चलते समय ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही चामुंडा मंदिर में नारियल चढ़ाने व बाण गंगा में नहाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
लंगर लगाने की अनुमति
चिंतपूर्णी और नयना देवी में इस बार कमेटियों को लंगर लगाने की अनुमति प्रदान की गई है। नयना देवी में आनंदपुर साहिब से लेकर नयना देवी तक लगभग 100 से ज्यादा लंगर लगे हुए हैं।
नयना देवी
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नयना देवी मंदिर लगभग 22 घंटे खुला रहेगा। रात के समय 12 बजे मंदिर बंद होगा और सुबह 2 बजे खुल जाएगा।
यह रहेगी व्यवस्था
टैंपो, ट्रैक्टर, ट्राले व ट्रक सभी कोला वाला टोबा पंजाब सीमा से आगे नहीं आएंगे। श्रद्धालु वहां से हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों या छोटी गाड़ियों में मंदिर के समीप पहुंच सकेंगे। मंदिर में नारियल व कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।