Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Dec, 2023 08:01 AM
नवंबर 1984 के सिख नरसंहार से प्रभावित परिवारों की घोषणा के अनुसार आज मांगें न माने जाने के विरोध में काले कपड़े व गले में टायर डाल तथा हाथ में पैट्रोल की बोतल पकड़कर महिलाएं श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचीं।
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अमृतसर (सर्बजीत): नवंबर 1984 के सिख नरसंहार से प्रभावित परिवारों की घोषणा के अनुसार आज मांगें न माने जाने के विरोध में काले कपड़े व गले में टायर डाल तथा हाथ में पैट्रोल की बोतल पकड़कर महिलाएं श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचीं। सूचना मिलते ही अमृतसर के ए.डी.सी. हरप्रीत सिंह व डी.सी.पी. हरप्रीत सिंह मौके पर पहुंचे और उक्त महिलाओं को रोक कर उच्चाधिकारियों ने उनसे मांगों पर चर्चा की और उक्त मांगों को लेकर उनकी बैठक मुख्यमंत्री के साथ करवाने का आश्वासन दिया। इसके चलते उन्होंने अपने प्लान को कैंसिल कर दिया और अपना मांग-पत्र ए.डी.सी. को सौंपा दिया।
बता दें कि पीड़ित परिवारों के नेता सुरजीत सिंह डुगरी व गुरदीप कौर ने गत दिवस अमृतसर में घोषणा की थी कि अगर मुख्यमंत्री ने 1 दिसंबर तक उनकी मांगें नहीं मानीं तो 5 विधवाएं मुख्यमंत्री के घर के बाहर रोष प्रदर्शन कर आत्मदाह करेंगी। घोषणा के अनुसार 5 महिलाएं गुरदीप कौर, भूपिंदर कौर, गुरदेव कौर, अमरजीत कौर और हरजीत कौर काले चोले और गले में टायर पहनकर श्री हरिमंदिर साहिब आ रही थीं। गुरदीप कौर के हाथ में पैट्रोल की बोतल भी थी जिसके चलते पुलिस ने उन्हें रोका और शांत किया।
वहीं नवंबर 1984 के सिख नरसंहार से प्रभावित परिवारों ने घोषणा की कि वे 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलेंगे और उनसे अपनी मांगों पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से सुरजीत सिंह डुगरी के नाम से एक ईमेल भी उन्हें सौंपा गया। इस दौरान दुगरी ने कहा कि फिलहाल हड़ताल स्थगित कर दी गई है। यदि मुख्यमंत्री 8 दिसंबर की बैठक में कोई निर्णायक निर्णय नहीं लेते हैं तो हम पहली घोषणा पर मोर्चा संभालेंगे।