सीढ़ियों से जुड़े ये Vastu Tips जरूर जानें, होगा फायदा

Edited By Jyoti,Updated: 12 Jun, 2022 11:43 AM

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वास्तु शास्त्र में उल्लेख किया गया है कि व्यक्ति को अपने किसी प्रकार के आवास स्थल को बनवाते समय वास्तु के नियमों को ध्यान में जरूर रखना चाहिए। जो व्यक्तिअपने घर को वास्तु को अनरूप

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वास्तु शास्त्र में उल्लेख किया गया है कि व्यक्ति को अपने किसी प्रकार के आवास स्थल को बनवाते समय वास्तु के नियमों को ध्यान में जरूर रखना चाहिए। जो व्यक्तिअपने घर को वास्तु को अनरूप तैयार नहीं करता उसे के जीवन में वास्तु दोष पैदा हो जाते हैं जिसके चलते जीवन में कई तरह की परेशानियां सामना करना पड़ता है। तो आइए आज जानते हैं घर की सीढ़ियों से जुड़े कुछ वास्तु दोष। क्योंकि कहा जाता है कि जिस  घर में सीढ़ियां सही नहीं होती है उस घर में कभी किसी के साथ कुछ सही नहीं होता। इतना ही नहीं घर की आर्थिक स्थिति हमेशा खराब ही रहती है। इसलिए कहा जाता है घर की सीढ़ियां को बनवाते समय वास्तु दोष को ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है।


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तो आइए जानें इससे जुड़े कुछ खास टिप्स-

वास्तु शास्त्र बताते हैं कि सीढ़ियां बनवाते समय वास्तु के नियमों का पालन करने से नव केवल सामान्य आवाजाही आसानी से होती है बल्कि घर में सकारात्मकता का प्रवाह होता है। तो वहीं घर की सीढ़ियों का वास्तु के अनुरूप होना इससे होने वाली बड़ी या छोटी दुर्घटना की संभावनाओं को कम करता है।

वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि सीढ़ियां हमेशा ऑड नंबर में होनी चाहिए, ऐसा होना शुभ होता है। कहने का भाव है कि सीढ़ियों में कदमों की संख्या हमेशा ऑड यानि (15,17,19) होनी चाहिए। संख्या कभी भी 0 के साथ खत्म नहीं होनी चाहिए। हो सकता है आपके दिमाग में ये प्रश्न आया होगा कि आखिर ऐसा क्यों? तो उदाहरण के तौर पर बता दें एक आम व्यक्ति सीढ़ियां चढ़ते हुए दाहिना पैर पहले रखता है। वो इसलिए ताकि जब सीढ़ियां खत्म हों तो शख्स अपना दायां पैर नीचे रखें और ऐसा तभी हो सकता है, जब सीढ़ियां ऑड संख्या में होंगी।

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वास्तु शास्त्र के अनुसार आंतरिक सीढ़ियों के लिए घर का दक्षिण-पश्चिम भाग एक आदर्श विकल्प माना जाता है। दक्षिण और पश्चिम भाग भी इसके लिए दूसरे अच्छे विकल्प हैं। ऐसे में, सीढ़ी उत्तर से शुरू होनी चाहिए और दक्षिण की ओर जानी चाहिए। विकल्प के रूप में, यह पूर्व से शुरू होकर पश्चिम की ओर जा सकती है। वास्तु के अनुसार आंतरिक सीढ़ी घर के केंद्र में कभी नहीं होनी चाहिए।
वास्तु के तहत बाहरी सीढ़ी के लिए उचित दिशा: दूसरी ओर बाहर की सीढ़ियां इन हिस्सों में बनाई जा सकती हैं-

साउथ-ईस्ट, जिसका मुख पूर्व की ओर हो।
साउथ-वेस्ट, जिसका मुख पश्चिम की ओर हो।
साउथ वेस्ट, जिसका मुख दक्षिण की ओर हो।
नॉर्थ वेस्ट, जिसका मुख उत्तर की ओर हो।

इन बातों पर भी दें ध्यान-
घर के अंदर बनी सीढ़ियां कभी भी किचन, स्टोर, रूम या पूजा घर से या उसके आखिर से शुरू नहीं होनी चाहिए। ऊपरी मंजिल पर जाने वाली सीढ़ियों और बेसमेंट में जाने वाली सीढ़ियों में निरंतर नहीं होनी चाहिए।

अंदरूनी सीढ़ियां इस तरह से बनाई जानी चाहिए जो सीधे आपके विजिटर्स की दृष्टि की रेखा में न हो। तो वही सीढ़ी की शुरुआत और अंत में दरवाज़ें होना भी सही है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस तरह से व्यक्ति सीढ़ियों के लिए स्टेप चलता है, वैसा ही उसका व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से सीढ़ियों के दिशानिर्देशानुसार के लिए वास्तु नियमों का पालन किया जाना अनिवार्य माना जाता है। सीढ़ियों के वास्तु नियमों के अनुसार, ऊपर चढ़ते हुए सीढ़ियों को हमेशा क्लॉकवाइज घूमना चाहिए। या यूं कहें कि ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करने वाले व्यक्ति को उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ना चाहिए। वास्तु विशेषज्ञों की राय है कि घड़ी की विपरीत दिशा में सीढ़ी करियर ग्रोथ को प्रभावित करती हैं।

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