वैसाख मास में किन चीज़ों का दान करना होता है लाभदायक?

Edited By Jyoti,Updated: 18 Apr, 2020 10:54 AM

vaisakh month importance and significance

वैसाख का माह चल रहा है, जिसका हिंदू धर्म में अधिक महत्व है। धार्मिक ग्रंथों व शास्त्रों में इसकी महत्वता अच्छे से वर्णन किया गया है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वैसाख का माह चल रहा है, जिसका हिंदू धर्म में अधिक महत्व है। धार्मिक ग्रंथों व शास्त्रों में इसकी महत्वता अच्छे से वर्णन किया गया है। इसके अनुसार वैसाख मास अन्य महीनों में से अधिक पावन माना जाता है। कहा जाता है पुण्य प्राप्ति के लिए तथा देव आराधना, दान, पुण्य के लिए ये मास सबसे श्रेष्ठ मास है। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस मास की तुलना मां से भी की गई है क्योंकि यह एक माता की भांति सब जीवों को सदा अभीष्ट वस्तु प्रदान करने वाला है। तो वहीं ये भी कहा जाता है ये मास धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार है एवं सम्पूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है। 

ऐसा कहा जाता है कि इस माह के समान संसार में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला दूसरा कोई मास नहीं है। मान्यता है वैशाख के महीने में सब तीर्थ आदि देवता (तीर्थ के अतिरिक्त) बहार के जल में भी सदैव स्थित रहते हैं एवं भगवान विष्णु की आज्ञा से मनुष्यों का कल्याण करने के लिए वे सूर्योदय से लेकर छः दंड के भीतर तक वहां मौज़ूद रहते हैं।

आइए जानते हैं श्री विष्णु के प्रिय वैशाख मास में किन चीज़ों का दान करना चाहिए-
सर्वश्रेष्ठ है जल दान
स्कंद पुराण के अनुसार इस माह में जल दान का सर्वाधिक महत्व है। कहा जाता है जो पुण्य सब दानों से, सब तीर्थों के दर्शन से आदि से मिलता है। उसी पुण्य और फल की प्राप्ति वैशाख मास में केवल जल का दान करने से हो जाती है

प्याऊ लगवाना
इस पावन मास में जो व्यक्ति सड़क पर यात्रियों के लिए प्याऊ लगाता है, वह विष्णुलोक में प्रतिष्ठित हो जाता है। कहा जाता है कि प्याऊ देवताओं, पितरों और ऋषि-मुनियों को अत्यंत प्रिय है।

पंखा दान करना
वैसाख मास में धूप और परिश्रम से पीड़ित ब्राह्मणों को जो पंखे से हवाकर शीतलता प्रदान करता है, कहा जाता है  वह इतना करने मात्र से ही निष्पाप होकर भगवान का पार्षद हो जाता है। तो वहीं जो राह में थके हुए श्रेष्ठ द्विज को अगर वस्त्र से भी हवा करता है, वह भगवान विष्णु का सामिप्य प्राप्त कर लेता है।

अन्न दान
ग्रंथ कहते हैं कि अन्नदान मनुष्यों को शीघ्र ही पुण्य प्रदान करने वाला होता है, इसलिए संसार में अन्न के समान दूसरा कोई दान नहीं है। इसलिए कहा जाता है कि दोपहर में आए हुए किसी ब्राह्मण मेहमान को या किसी अन्य भूखे जीव को अगर भोजन करवाया जाएं तो उसको अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।

पादुका एवं चटाई
धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि जो व्यक्ति विष्णु प्रिय वैशाख मास में किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को पादुका या जूते-चप्पल दान करता है वह यमदूतों का तिरिस्कार करके भगवान श्री हरि के लोक में जाता है।

शास्त्र कहते हैं कि निद्रा से दुःख का नाश होता है, निद्रा से थकावट दूर होती है इसलिए जो मनुष्य वैसाख माह में तिनके या खजूर आदि के पत्तों से बनी हुई चटाई दान करता है,उसके सारे दुखों का नाश हो जाता है और परलोक में उत्तम गति पाता है।

वस्त्र, फल और शर्बत 
मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास में कपड़ों का दान इसी जन्म में सब सुखों से संपन्नता प्रदान करवाता है। क्योंकि इस माह में गर्मी का प्रकोप अधिक होता है इसलिए इस माह में फल और शर्बत आदि का दान करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं और दान देने वाले के सारे पाप कट जाते हैं।

इसके अलावा इस दौरान घी का दान करने वाले मनुष्य को अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है तथा उसे विष्णुलोक में जगह मिलती है।

 

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