Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Jul, 2022 11:26 AM
वास्तु हमें पूर्ण रूप से नियंत्रित करता है इसलिए स्वच्छता का नियंत्रण भी वास्तु द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। वास्तु तीन परिवेशों में काम करता है-प्रथम घर में, द्वितीय व्यवसाय में और तृतीय समाज में। यदि
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Vastu tips: वास्तु हमें पूर्ण रूप से नियंत्रित करता है इसलिए स्वच्छता का नियंत्रण भी वास्तु द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। वास्तु तीन परिवेशों में काम करता है-प्रथम घर में, द्वितीय व्यवसाय में और तृतीय समाज में। यदि वास्तुशास्त्र में बताए नियमों का पालन कर लिया जाए तो लाइफ में आने वाली प्रॉब्लम्स को काफी हद तक अलविदा कहा जा सकता है।
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वास्तु के अनुसार, अगर ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व में रसोई घर हो तो उस रसोई घर के अंदर गैस चूल्हे को आग्नेय कोण में रख दें और रसोई के ईशान कोण में साफ बर्तन में जल भरकर रख दें। ऐसा करने से आपके घर में धन का प्रवाह बना रहेगा और कहीं धन अटका हुआ है, तो उसके मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
घर में समुद्री नमक का पोंछा समय-समय पर लगाते रहें, इससे नकारात्मकता दूर होती है।
घर में कपूर जलाएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है। वास्तु दोष भी दूर होता है।
घर की चौखट को साफ करके हल्दी के घोल से उंगलियों से ही पट्टी खींचें। लक्ष्मी जी के आकर्षण का यह महत्वपूर्ण उपाय है।
घर का ईशान यानी उत्तर-पूर्व दिशा का कोना हमेशा साफ रखें।
गुरुवार के दिन घी का और शनिवार को तेल का दीपक अवश्य जलाएं।
वास्तु के अनुसार, एक आदर्श मकान का मेन गेट सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। वहीं आपके घर की ढलान पूर्व, उत्तर या पूर्व-उत्तर (ईशान कोण) की ओर होना शुभ माना गया है। वास्तु के अनुसार घर के कमरे, हॉल, किचन, बाथरूम और बैडरूम एक खास दिशा में होने चाहिएं। जिससे घर में वास्तुदोष नहीं होता और लोग सुखी रहते हैं।