आप भी रखते हैं विजिटिंग कार्ड तो जरूर पढ़े वास्तु के ये टिप्स

Edited By Jyoti,Updated: 17 Apr, 2021 03:09 PM

visiting card vastu tips

अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए लोग रोजाना अपने जीवन में बहुत से लोगों से मेलजोल बढ़ाते हैं और इसमें जोर को मजबूत करने के लिए लोग अपना विजिटिंग कार्ड छप आते हैं।

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अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए लोग रोजाना अपने जीवन में बहुत से लोगों से मेलजोल बढ़ाते हैं और इसमें जोर को मजबूत करने के लिए लोग अपना विजिटिंग कार्ड छप आते हैं। आमतौर पर विजिटिंग कार्ड को केवल एक पहचान के तौर पर देखा जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इससे भी वास्तु का कुछ कनेक्शन हो सकता है? जी हां वास्तु के अनुसार विजिटिंग कार्ड क रखने के कुछ खास तरीके होते हैं। इन तरीकों को अगर नजरअंदाज किया जाए या फिर जाने अनजाने में इसे चूक हो जाती है तो यह  अनाकर्षक और निष्प्रभावी हो जाता है। तो वहीं अगर विजिटिंग कार्ड पर उचित रीति से वास्तु शास्त्र का प्रयोग किया जाए तो व्यापार में कई गुना बढ़ावा होता है।

तो चलिए बताते हैं वास्तु शास्त्र में बताई गई विजिटिंग कार्ड से जुड़ी खास बातें-

वास्तु शास्त्र के अनुसार विजिटिंग कार्ड के उत्तर-पूर्व में लोगो को प्रिंट कराना चाहिए। 

निचले हिस्से में पश्चिम की ओर कंपनी का पूरा नाम या उसके मुखिया का नाम होना चाहिए।

मुखिया के नाम के नीचे एक या दो लाइन में विवरण रखा जा सकता है तथा विवरण के लेटर मुखिया या कंपनी के नाम की तुलना बहुत छोटे होने चाहिए।

विजिटिंग कार्ड का मध्य भाग खाली होना चाहिए. विजिटिंग कार्ड के मध्य भाग में कभी भारी और बड़े लेटर्स का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

उत्तर-पश्चिम में फोन नंबर रखे जा सकते हैं।

प्रतिनिधि का कार्ड है तो उसका छोटा नाम और नंबर एक साथ दिया जा सकता है।

प्रयास करना चाहिए कि विजिटिंग कार्ड के पिछले भाग पर कुछ भी प्रिंट न करें. दोनों ओर प्रिंट होने से कार्ड का प्रभाव कम होता है।

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