Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Dec, 2025 03:52 PM

Bhagavad Gita Benefits : श्रीमद्भगवदगीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन का एक संपूर्ण दर्शन और मार्गदर्शक है। कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से निकला यह ज्ञान आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों...
Bhagavad Gita Benefits : श्रीमद्भगवदगीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन का एक संपूर्ण दर्शन और मार्गदर्शक है। कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से निकला यह ज्ञान आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों साल पहले था। अक्सर लोग सोचते हैं कि गीता का लाभ केवल उसे पढ़ने या समझने से मिलता है लेकिन हिंदू शास्त्रों और वास्तु विज्ञान के अनुसार, घर में भगवदगीता की उपस्थिति मात्र से ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है।
नकारात्मक ऊर्जा का विनाश
माना जाता है कि जिस स्थान पर भगवदगीता रखी होती है, वहां नकारात्मक शक्तियां, भूत-प्रेत या बुरी बाधाएं प्रवेश नहीं कर पातीं। गीता के श्लोकों में ब्रह्मांड की दिव्य ध्वनियां समाहित हैं। भले ही पुस्तक बंद हो लेकिन उसकी उपस्थिति से वातावरण में एक सुरक्षा कवच निर्मित होता है, जो घर के सदस्यों को बुरी नजर और नकारात्मक विचारों से बचाता है।
वास्तु दोषों का निवारण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भगवदगीता को सम्मानपूर्वक रखा जाए, तो घर के कई वास्तु दोष स्वतः ही समाप्त होने लगते हैं। यह घर के वाइब्रेशन्स को शुद्ध करती है और कलह-क्लेश के माहौल को शांति में बदल देती है।
मानसिक शांति और एकाग्रता
घर में पवित्र ग्रंथों की मौजूदगी का हमारे अवचेतन मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब आप अपने घर में गीता को देखते हैं, तो यह आपको धर्म, धैर्य और सही मार्ग की याद दिलाती है। छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए गीता को अपने अध्ययन कक्ष में रखना एकाग्रता बढ़ाने में सहायक माना जाता है क्योंकि यह ज्ञान की देवी सरस्वती और स्वयं श्री कृष्ण की ऊर्जा का प्रतीक है।
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