कहां-कहां मनाया जाता है कुंभ ?

Edited By Jyoti,Updated: 05 Jan, 2019 05:43 PM

where is the kumbh mela is celebrated

कुंभ के बारे में तो सब जानते हैं, ये हर तीन साल में एक बार आता है। कहा जाता है ये हिंदू धर्म का इकलौता ऐसा त्यौहार है जिसमें सबसे ज्यादा लोग इकट्ठे होते हैं। हिंदू धर्म का ये त्यौहार 12 वर्ष के अंतराल के बाद चार तीर्थ में से एक में मनाया जाता है।

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कुंभ के बारे में तो सब जानते हैं, ये हर तीन साल में एक बार आता है। कहा जाता है ये हिंदू धर्म का इकलौता ऐसा त्यौहार है जिसमें सबसे ज्यादा लोग इकट्ठे होते हैं। हिंदू धर्म का ये त्यौहार 12 वर्ष के अंतराल के बाद चार तीर्थ में से एक में मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं भारत का सबसे बड़ा आयोजन कुंभ कहां-कहां मनाया जाता है।
PunjabKesariइलाहाबाद( प्रयागराज) का कुंभ
कुछ ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, तब कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। बता दें कि प्रयाग का कुंभ मेला सभी मेलों में सर्वाधिक महत्व रखता है।
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हरिद्वार का कुंभ
प्राचीन ग्रंथों में हरिद्वार को तपोवन,मायापुरी, गंगाद्वार और मोक्षद्वार आदि नामों से भी जाना जाता है। हरिद्वार हिन्दुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थान है। मेले की तिथि की गणना करने के लिए सूर्य, चंद्र और बृहस्पति की स्थिति की आवश्यकता होती है। बता दें कि हरिद्वार का संबंध मेष राशि से होता है।
PunjabKesariनासिक का कुंभ
भारत में 12 में से एक जोतिर्लिंग त्र्यम्बकेश्वर नामक पवित्र शहर में स्थित है। यह स्थान नासिक से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और कहा जाता है कि गोदावरी नदी का उद्गम भी यहीं से हुआ। 12 वर्षों में एक बार सिंहस्थ कुंभ मेला नासिक या त्रयम्बकेश्वर में आयोजित होता है। कहा जाता है कि नासिक उन चार स्थानों में से एक है, जहां अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं। कुंभ मेले में सैंकड़ों श्रद्धालु गोदावरी के पावन जल में स्नान कर अपनी आत्मा की शुद्धि और मोक्ष के लिए प्रार्थना करते हैं। 
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उज्जैन का कुंभ
हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उज्जैन का अर्थ है विजय की नगरी और ये मध्य प्रदेश की पश्चिमी सीमा पर स्थित है। उज्जैन भारत के पवित्र और धार्मिक स्थलों में से एक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शून्य अंश (डिग्री) उज्जैन से शुरू होता है। महाभारत के अरण्य पर्व के अनुसार उज्जैन 7 पवित्र मोक्ष पुरी या सप्त पुरी में से एक है। मान्यता है कि भगवन शिव नें त्रिपुरा राक्षस का वध उज्जैन में ही किया था।
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