मां सरस्वती का प्रिय सफेद रंग, विशिष्ट शक्तियों का है प्रतीक

Edited By Updated: 31 Jan, 2017 11:16 AM

white has specific power symbol

सफेद रंग सातों रंगों के सम्मिश्रण से बना है। सूर्य की सफेद रश्मि को तोडऩे पर उससे सभी रंग प्रकट हो जाते हैं। अत: इसमें सभी रंगों की थोड़ी बहुत छाया है। श्वेत रंग पवित्रता, शुद्धता, विद्या और

सफेद रंग सातों रंगों के सम्मिश्रण से बना है। सूर्य की सफेद रश्मि को तोडऩे पर उससे सभी रंग प्रकट हो जाते हैं। अत: इसमें सभी रंगों की थोड़ी बहुत छाया है। श्वेत रंग पवित्रता, शुद्धता, विद्या और शांति का प्रतीक है। इससे मानसिक, बौद्धिक और नैतिक स्वच्छता प्रकट होती है। ज्ञान और विद्या का रंग सफेद है क्योंकि जो विद्या के सच्चे पुजारी हैं, उनमें किसी प्रकार का कल्मष नहीं ठहर सकता। ज्ञान के सामने कालिमा कहां ठहर सकती है? विद्या हमें सब प्रकार की पवित्रता की ओर बढ़ाती है, समाज के दुर्गुणों से बचाती है, सन्मति और विवेक देती है, सांसारिक संकुचितता से ऊपर उठाती है। इसलिए विद्या का रंग श्वेत है। विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती को भी श्वेत रंग सबसे प्रिय है।


सफेद रंग मां सरस्वती का प्रतीक भी है। विभिन्न देवी-देवताओं का वर्ण तथा उनके वस्त्रों एवं अलंकरणों का लाल, हरा, सफेद, पीला आदि जो रंग है, वह विशिष्ट शक्तियों का प्रतीक है, देवों की उपासना में तत्तद् रंगों के पवित्र पदार्थों का उपयोग देवता की शीघ्र कृपा प्राप्ति में सहायक हो सकता है। मां सरस्वती का सर्वाधिक प्रिय रंग सफेद ही है। मां सरस्वती का वर्णन इस स्तुति में देखिए : 
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदंडमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा।।


अर्थात भगवती सरस्वती मेरा पालन करें, जो कुंद्र के पुष्प, चंद्रमा, बर्फ और (मुक्ता) हार के समान श्वेत हैं, जो सफेद वस्त्र पहनती हैं, जिनके हाथ उत्तम वीणा से सुशोभित हैं, जो दूध से सफेद कमल के आसन पर विराजमान हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देव जिनकी सदा स्तुति करते हैं और जो सब प्रकार की जड़ता और विपदाओं को हर लेती हैं।


चंद्रमा की शांति हेतु सफेद रंग 
चंद्रमा के कुप्रभाव को कम करने के लिए अथवा चंद्रमा को अपने अनुकूल बनाने के लिए भी सफेद रंग का बहुतायत में उपयोग किया जाता है। चंद्र-रत्न मोती भी सफेद रंग का होता है और चंद्रमा के दान में भी प्राय: सभी सफेद वस्तुओं का दान किया जाता है।

 
शयन कक्ष का मुख्य रंग
शयन कक्ष का मुख्य रंग भी सफेद ही है। वास्तुशास्त्र विशेषज्ञों का कहना है कि सफेद रंग हल्का और दिमाग को ठंडक देने वाला रंग है। शयन कक्ष में सफेद अथवा सफेद जैसा हल्का रंग हो तो सोने वाले को अच्छी और गहरी नींद आती है। सफेद रंग के कारण व्यक्ति तनावग्रस्त भी नहीं रहता। किसी भी प्रकार का निर्णय लेने में, सोचने-समझने में भी सफेद रंग सहायक है। यही कारण है कि प्राय: लोग अपने शयनकक्ष में सफेद अथवा हल्के रंग का उपयोग करते हैं। कुछ विद्वानों का मत है कि सफेद की अपेक्षा सफेद की भांति ही हल्का गुलाबी, हल्का नीला, हल्का पीला इत्यादि रंगों का उपयोग करना अधिक हितकर है।

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