विश्व पुस्तक मेला: भीड़ देख लगा कि कम नहीं हुआ किताबों का महत्व

Edited By Updated: 19 Feb, 2024 08:11 AM

world book fair

51वें विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन भी पुस्तक प्रेमी भारी संख्या में प्रगति मैदान पहुंचे। आलम यह था कि वे बोझ से थक गए, लेकिन किताबें खरीदने का जज्बा कम नहीं हुआ। इस बीच, भारत और विदेशी

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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): 51वें विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन भी पुस्तक प्रेमी भारी संख्या में प्रगति मैदान पहुंचे। आलम यह था कि वे बोझ से थक गए, लेकिन किताबें खरीदने का जज्बा कम नहीं हुआ। इस बीच, भारत और विदेशी भाषाओं की किताबों ने पाठकों के दिलों पर छाप छोड़ी। प्रगति मैदान के बड़े हिस्से में आयोजित पुस्तक मेले में उमड़ी पाठकों की भारी भीड़ ने इसे यादगार बना दिया। 

आईटीपीओ प्रशासन की मानें तो करीब 2 लाख पाठक मेले में रविवार को पहुंचे। नौ दिवसीय चले इस मेले में इस बार 700 से अधिक साहित्यिक और रचनात्मक कार्यक्रम हुए। वहीं एनबीटी ने समापन पर अगले वर्ष होने वाले विश्व पुस्तक मेले की तारीक की घोषणा करते हुए कहा अलग वर्ष मेला 1 से 9 फरवरी 2025 की बीच आयोजित किया जाएगा। वहीं मेले में छुट्टी का फायदा बच्चों ने भी उठाया बच्चों ने मेले में जमकर किताबों की खरीददारी की। वहीं आखिरी दिन के चलते चल रही छूट का लाभ भी पाठक उठाते दिखे। कई बड़े प्रकाशकों ने 70 से 80 प्रतिशत तक की छूट दी।

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