Edited By Sonia Goswami,Updated: 15 Nov, 2018 02:00 PM
कभी युवाओं के बीच पार्ट टाइम करियर विकल्प के रूप में मशहूर रहा बीपीओ सेक्टर अब अपनी तस्वीर बदल चुका है। युवा इसे फुलटाइम करियर के साथ खुद के व्यक्तित्व निखारने के मौके के तौर पर देख रहे हैं।
नई दिल्लीः कभी युवाओं के बीच पार्ट टाइम करियर विकल्प के रूप में मशहूर रहा बीपीओ सेक्टर अब अपनी तस्वीर बदल चुका है। युवा इसे फुलटाइम करियर के साथ खुद के व्यक्तित्व निखारने के मौके के तौर पर देख रहे हैं। यही वजह है कि भारत सरकार बीपीओ सेक्टर में रोजगार की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इसके विस्तार में लगी है। सरकार ने अपने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत आईबीपीएस (इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम) और एनईबीपीएस (नॉर्थ ईस्ट बीपीओ प्रमोशन स्कीम) को लागू किया था। इसका मकसद दूर-दराज के इलाकों में युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना है।
खास बात यह है कि बीपीओ सेक्टर किसी भी विषय के ग्रेजुएट छात्र को अपने यहां करियर-निर्माण के बेहतर मौके देता है। यहां की कार्य-संस्कृति अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने से युवाओं को अपने पेशेवर जीवन में कई तरह के मौके मिलते हैं। बीपीओ सेवाओं के विस्तार से यहां रोजगार के मौकों में भी इजाफा हुआ है।
विदेशी धरती पर मौके
बीपीओ में काम करते हुए विदेश जाकर काम करने का मौका भी मिलता है। वजह ये है कि ज्यादातर बीपीओ कंपनियों के विदेशों में दफ्तर भी होते हैं। जहां समय-समय पर कंपनी अपने कुछ कर्मचारियों को भेजती है। इस तरह विदेशों में काम के मौके भी बनते हैं।