IAS Success Story: होटल का वेटर बना IAS ऑफिसर, पढ़िए जय गणेश की संघर्ष भरी कहानी

Edited By Updated: 17 Jan, 2020 12:24 PM

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हर हस्ती की कहानी संघर्ष के अलग-अलग पायदान को बयां कर प्रेरित करती...

नई दिल्ली: हर हस्ती की कहानी संघर्ष के अलग-अलग पायदान को बयां कर प्रेरित करती है। कामयाब हुए हर उम्मीदवार का तजुर्बा कुछ न कुछ सिखाता है। बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से जय गणेश एक हैं।

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आज की सक्सेस स्टोरी में मिलिए जय गणेश से, इन्होंने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की सिविल सेवा परीक्षा में 156वीं रैंक हासिल की थी।जय गणेश उन शख्‍सयितों में से एक हैं जिन्होंने देश की सबसे मुश्‍किल चुनौतिपूर्ण परीक्षा पास की है। जयगणेश ने होटल के वेटर का काम करते हुए आईएएस बनकर लोगों को चौंका दिया है। पढ़िए जय गणेश की सफलता की कहानी ----

पारिवारिक जीवन शिक्षा
जयगणेश का जन्म तमिलनाडु के उत्तरीय अम्बर के पास एक छोटे से गांव के गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता अपने परिवार का पालन- पोषण करने के लिए एक फैक्ट्री में काम करते थे। जयगणेश घर में चार भाई भहनों में सबसे बड़े हैं।

पढ़ाई पूरी होने के बाद की नौकरी
बचपन से ही जय गणेश प्रतिभावान थे। उन्होंने 12वीं की परीक्षा 91 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी। इसके बाद तांथी पेरियार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक कंपनी में नौकरी भी लग गई, यहां उन्हें 2500 रुपये महीने सैलरी मिलती थी।

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नौकरी छोड़ की यूपीएससी की तैयारी
नौकरी के दौरान जय गणेश समझ गए थे कि 2500 रुपये महीने सैलरी से घर परिवार का पालन पोषण होना बहुत मुश्किल है। नौकरी छोड़ने के बाद यूपीएससी की पढ़ाई शुरू कर दी। जय गणेश इसमें एक, दो, तीन के बाद कुल 6 बार असफल हो गए। 

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होटल में किया वेटर का काम
जयगणेश ने अपना खर्च चलाने के लिए होटल में वेटर का काम शुरू कर दिया, लेकिन वह अपने लक्ष्य पर डटे रहे। होटल से लौटकर आने के बाद जितना समय मिला जय गणेश ने पूरी ईमानदारी से पढ़ाई की।

इंटेलीजेंस ब्यूरो में हुआ चयन 
यूपीएससी की परीक्षा में 6 बार असफल होने के बाद इसी बीच उनका चयन इंटेलीजेंस ब्यूरो की परीक्षा में हो गया। अंत में उन्होंने निर्णय लिया कि वो नौकरी नहीं करेंगे बल्कि अपनी तैयारी आगे जारी रखेंगे। उन्होंने सातवीं बार सिविल सेवा की परीक्षा दी और इस बार उन्हें सफलता मिली, उन्होंने इस परीक्षा में 156वीं रैंक हासिल की।

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