फैमिली एंटरटेनर के तौर पर ‘डंकी’ को जो रिस्पॉन्स मिल रहा है, इतना सोचा नहीं था : राजकुमार हिरानी

Updated: 28 Dec, 2023 12:43 PM

i had not imagined the response dunki is getting rajkumar hirani

डायरेक्टर राजकुमार हिरानी ने फिल्म के रिस्पांस और सक्सेस को लेकर ‘पंजाब केसरी’ ग्रुप से की खास बातचीत।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। डायरेक्टर राजकुमार हिरानी बॉलीवुड के उन चुनिंदा डायरैक्टर में से एक हैं, जिनकी फिल्म में हर एक्टर काम करना चाहता है और दूसरी ओर ऑडियंस उनकी फिल्म का इंतजार करती है, क्वांटिटी की बजाय क्वालिटी पर काम करने का फोकस रखने वाले हिरानी एक बार फिर बड़े पर्दे पर इन दिनों छाए हुए हैं अपनी फिल्म ‘डंकी’ को लेकर। हाल ही में शाहरुख खान और तापसी पन्नू स्टारर ‘डंकी’ रिलीज हुई है। काफी वक्त बाद स्क्रीन पर एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म आई है, ऐसे में ऑडियंस का एक पॉजीटिव रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है साथ ही पहली बार राजकुमार हिरानी और शाहरुख खान साथ काम करते दिखाई दिए हैं। फिल्म को मिल रहे रिस्पांस को लेकर राजकुमार हिरानी ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंक।

 

Q. फिल्म ‘डंकी’ को जिस तरह का पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है, कैसा लग रहा है, क्या इसका अंदाजा था कहीं न कहीं?
A- हम जब किसी फिल्म पर काम करते हैं तो जाहिर सी बात है उसकी सक्सेस होने के लिए काम करते हैं और उम्मीद करते हैं कि लोगों को फिल्म पसंद आएगी, लेकिन पर्दे पर जब रिलीज होती है तो आखिरी फैसला ऑडियंस का ही होता है। आपके काम को अगर कोई पसंद करता है, उसे सराहता है तो जाहिर सी बात है उसे अच्छा लगता है, लेकिन अगर फिल्म की बात करूं हां मुझे इस बात का अंदाजा जरूर था कि फिल्म अच्छी है। शायद लोगों को पसंद आएगी, लेकिन जिस तरह का रिस्पांस अभी मिल रहा है, वह नहीं सोचा था, खासकर फैमिली एंटरटेनर के तौर पर फिल्म को बहुत पसंद किया जा रहा है। अभी तक जो हम रिव्यूज देख रहे हैं, उसमें देखने को मिल रहा है कि लोग अपनी फैमिली के साथ फिल्म देख रहे हैं।
 

Q. बॉलीवुड में ट्रेंड को बहुत फोलो किया जाता है, लेकिन आपकी फिल्में इसके ऑपोजिट होती हैं?
A- ट्रेंड को फॉलो करना बुरा नहीं है, बॉलीवुड में ट्रेंड को फॉलो किया जाता है, जब एक खास सब्जेक्ट की फिल्म हिट हो जाती है तो उसी सब्जेक्ट पर या उससे मिलते-जुलते सब्जेक्ट पर बहुत सी फिल्में आती हैं और शायद लोगों को वह ट्रेंड पसंद भी आता है, इसलिए उसे ट्रेंड को कैश करने की कोशिश की जाती है, लेकिन अपनी बात करूं तो मुझे जब तक कोई स्क्रिप्ट पसंद नहीं आती, मैं उस पर काम नहीं करता, शायद यही वजह है कि मेरी फिल्मों में बहुत गैप रहता है। ऐसा नहीं है कि मैं जान बुझकर ऐसा करता हूं। बात इतनी सी है कि जब तक मुझे स्क्रिप्ट पसंद नहीं आती, मैं काम नहीं कर सकता। इसी पसंद को ढूंढ़ने में मुझे वक्त लगता है। मेरा सीधा और साफ रूल है जो कहानी मुझे दिल से अच्छी लगती है मैं उस पर काम करता हूं। ‘डंकी’ फिल्म की बता करूं तो जब मुझे पता चला कि यह कहानी पंजाब की है एक तबके में ऐसा होता है मुझे कहानी बड़ी अलग लगी।

Q. पिछले कई सालों से बॉलीवुड में काम करने का तरीका और सब्जेक्ट बदल रहा है। खास कर फैमिली एंटरटेनर फिल्में अब बहुत कम बनती हैं आप इस बदलाव को कैसे देखते हैं?
A- कुछ बदलाव अच्छे होते हैं जो वक्त के साथ आते हैं जो होने भी चाहिए। जहां तक ट्रेंड का सवाल है तो वह आते जाते रहते हैं, लेकिन ह्यूमन इमोशन कभी नहीं बदलते, वह हमेशा वही रहते हैं फिर इंसान जैसा भी हो। इंसान कभी रोता है, कभी हंसता है। एक्शन फिल्म हो, रोमांटिक हो जैसी भी फिल्म हो, इमोशन होंगे तो इसका असर इंसान पर पड़ता है, इसे बदला नहीं जा सकता। हर तरह के सिनेमा का एक अलग अंदाज होता है, एक अलग ऑडियंस होती है। उसी दायरे में रहकर फिल्म बनाई जाए तो अच्छी होगी। अगर आप सिर्फ ट्रेंड को देखकर ही काम करते हैं तो शायद गलत होगा। ट्रेंड को समझना बहुत मुश्किल है। एक ही तरह का सिनेमा आप कब तक बना लेंगे और लोग कब तक एक ही चीज देखेंगे। ऐसे में आपको क्या अच्छा लगता है आप वह बनाएं। इसलिए मैं वही कोशिश करता हूं जो मुझे अपील करती है।

Q. आपने बॉलीवुड को कई यादगार फिल्में  दी हैं, हर बार अपने ही काम को और बेहतर करना कितना मुश्किल है?
A- मुश्किल नहीं होता, यह कहना गलत होगा। इसमें वक्त बहुत जाता है। कहानी ढूंढों फिर उस पर रिसर्च करो। इसी फिल्म की बात करूं, फिल्म के लिए कई बार पंजाब आया, लुधियाना गया, जालंधर गया। इंग्लिश स्पीकिंग की क्लासिज देखी। कोविड का वक्त था, मास्क लगाकर चला जाता था, मुझे अटैंडे करनी थी, मुझे जानना था कि कैसे वहां पढ़ाते हैं। जैसे हमने फिल्म की शुरूआत में दिखाया है, छोटे-छोटे गांव घूमें। हर चीज को देखा उस पर रिसर्च किया। मुझे सब्जेक्ट अच्छा लगा था तो मैंने यह सब किया। रही बात तुलना करने की तो आपके काम को पिछले काम से तुलना करके देखा ही जाता है। हर फिल्म आप अपने आप में अलग होती है, एक-दूसरे से उसकी तुलना नहीं की जा सकती। इससे आप नहीं बच सकते हैं। आप सारी ऑडियंस को खुश नहीं कर सकते।

Q. फिल्म के लिए आप पंजाब आए यहां आना कैसा रहा?
A- चंडीगढ़ में कई बार आया हूं, लेकिन पंजाब के शहरों और गांव तक मैं कभी नहीं गया था। फिल्म की रिसर्च के लिए पंजाब आना हुआ। हालांकि सुना बहुत था पंजाब के बारे में लेकिन नजदीक से पहली बार मुझे देखने का मौका मिला। कोविड जब शुरू हुआ था, उस वक्त से हम फिल्म की रिसर्च पर काम कर रहे थे, खास कर जालंधर, लुधियाना और आसपास के छोटे-छोटे कई गांव में हमने विजिट किया। चीजों को देखा। हम फिल्म की शूटिंग वहीं करना चाहते थे, लेकिन कोविड की वजह से मुंबई में सेट लगाकर शूटिंग की। खास अनुभव यह रहा कि रिसर्च के वक्त मैंने मास्क लगाकर क्लासेज लगाई, लोगों को जाना, यह एक अलग अनुभव था।


Q. शाहरुख खान के साथ पहली बार काम किया अपने, इतना वक्त कैसे लग गया उनके साथ करने में ?
A- देखिए, शाहरुख के साथ करने की योजना हमारी बहुत पहले की थी। सालों से एक-दूसरे को जानते हैं, लेकिन मौका नहीं बन पा रहा था। एक तो मैं फिल्में बहुत कम बनाता हूं, यह बड़ी मुश्किल थी। इस बार हमने पहले ही सोच लिया था कि हमने साथ काम करना है। मैंने जब उन्हें कहानी सुनाई तो उन्हें बहुत अच्छी लगी। उनके साथ बेहद अच्छा अनुभव रहा। इतने बड़े स्टार होने के बावजूद उनकी काम के प्रति लगन और मेहनत काबिले तारीफ है। आज भी वह रिहर्सल करते हैं, बारीकियों पर ध्यान देते हैं। मुझे याद है शूटिंग का वक्त कई बार वह मुझे नए-नए आइडिया देते थे।वीडियो रिकॉर्ड कर भेजते थे कि कैसे हम सीन को बेहतर कर सकते हैं। हालांकि यह सब छोटी-छोटी बाते हैं, लेकिन यही सब चीजें हैं जो एक एक्टर में होनी चाहिए, जो उसे दूसरों से अलग करती हैं।

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