एलर्जिक रायनाइटिस या पुराने जुकाम से घबराने की जरूरत नहीं, आयुर्वेद से इलाज संभव

Edited By Updated: 04 Jan, 2021 11:18 AM

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पुराना जुकाम एक ऐसी बीमारी है कि एलर्जी के कारण  होती है । नाक में धूल मिटटी, प्रदूषण के कणो के आने से होती है । आम तौर पर एलर्जी रीनाइटिस , क्रोनिक सर्दी , घास बुख़ार .क्रोनिक रीनाइटिस में रूप में जाना जाता है ।

पुराना जुकाम ,नाक की एलर्जी क्या है :- पुराना जुकाम एक ऐसी बीमारी है कि एलर्जी के कारण  होती है । नाक में धूल मिटटी, प्रदूषण के कणो के आने से होती है । आम तौर पर एलर्जी रीनाइटिस , क्रोनिक सर्दी , घास बुख़ार .क्रोनिक रीनाइटिस में रूप में जाना जाता है । यह रोग जब किसी व्यक्ति को लग जाता है तो उसकी नाक में से पानी , नाक बंद रहना ,छींके  आना ,कानों में आवाज  आनी शुरू हो जाती है । बहुत अधिक छींकना , लाल खुजली ,आंखों में पानी का अनुभव कर सकते है । इसका समय पर उपचार न किया जाए तो यह बीमारी हमारे अन्दर कई बीमारी और ला देती है । उदहारण के लिए जैसे दमा, पीनस निमोनिया इत्यादि । 
 

आम नजले (एलर्जी) के कण

धूल के कण 
प्रदूषण या ध्रूमपान कण 
मोल्ड रसोई या बाथरूम जैसे क्षेत्रों में मान लीजिए ।
घर में पर्दो पर , गलीचों से , गदा से मिटटी के कण एलर्जी करते है ।


नाक एलर्जी (नजला) के कारण 

धान  के मौसम के दौरान , कटाई के मौसम और चावल के दौरान गेहूं कि भूसी ।
पुराने अलमारी खोलना , पुराने समाचार पत्र और नम कपडे पहनना ।
एक ऐसी कमरे से एक गैर ऐसी पर्यवरण में बाहर आना ।
रसोई ( तड़का ) में खाना पकाने से धुआँ ।
पर्दूषण , धूम्रपान और इफेक्शन के कारण होती है


पुराना नजला का इलाज न करें तो क्या हो सकता है

अनचाहे नाक एलर्जी या एलर्जिक  रीनाइटिस  पेरशानियों का कारण बन सकता है ।
अगर नाक संब्धी एलर्जी बर्षो तक बनी रहती है , तो वे छाती एलर्जी ब्रॉंकइटिस और असथमा का कारण बन सकते है ।
यह नाक में बढ़ने का कारण बन सकती है और नाक में पॉलीप्स बना सकता है जो नाक संबधी एलर्जी को आगे बढ़ाता है ।
यह कानों में भीड़ पैदा कर सकता है जो आगे आर्ड्रम पर दबाव डालता है और सुनवाई में कमी का कारण बन सकता है ।
   

पुराना जुकाम और नजला के लक्षण 


     1) बार बार छीके आना । ( allergic rhintis)
     2) नाक में से पानी बहना , नाक बंद रहना , नाक में मास बढ़ना ।
     3) गले में रेशा रहना । (Sore throat)
     4) सर दर्द रहना । (Having a headache)
     5) गला भी खराब हो जाता है और एक - दो दिन तक लगातार नाक से निकलने वाले  बलगम गले के नीचे उतर कर कफ बन जाता है जो खांसी का कारण बनता है । 
     6) शरीर में कुछ खाना पीना नहीं लगना । 
     7) कान में आवाज आना । (Ringing in ears)
     8) छाती में सुखी खांसी । (Chest dry cough)
     9) allergic rhinitis treatment
    10) seasonal allergic rhinitis
    11) nasal allergy treatment
    12) allergy treatment

   

 

 

पुराना जुकाम और नजला के घरेलू नुस्के :-

 

  • देसी गौ माता के शुद्ध देसी घी से उपचार :- पुराना जुकाम नजला इन सभी बीमारियों का सबसे अच्छा  इलाज है देसी गौ माता का शुद्ध देसी घी उस गौ माता का घी लेना है जिसकी पीठ पर हम्प होता है यह घी आपको लगातर तीन महीने डालना है कि या दस से जयदा साल पुराने नजले को भी खत्म कर देता है ।
  • पुराना जुकाम कि जड़ से कारण को पहचाने इससे पहले कि बहुत देर हो जाए : एलर्जी कि कण नाक कि नालियों कि परेशान करते है । रोगी अत्यधिक  छींकना शुरू कर देता है। इन सवरों में नाक बहती है और गले में गिरती है ,जिससे गले में खुजली होती है । यह रोगियों को स्राव को बार -बार निगलने कि लिए मजबूत करती है । यदि यह स्राव फेफड़ो में जाते है तो गंभीर स्थिति ही सकती है  जो अस्थ्या है ।


Nazle Ka Treatment :-

आरोग्यम आयुर्वेदिक अस्पताल में 20 साल से नजले की एलर्जी का इलाज किया जा रहा है :-
आरोग्यम की डॉक्टरज ने एलर्जी की इलाज में पहला खोज पत्र युरपीयन यूनियन अकैडमी का आयुर्वेदा में प्रस्तुत ,जिसे सुनने की लिए यूरोप की महशूर टॉप मैडीकल डॉक्टरज व् आयुर्वेदा चर्या ने भाग लिए।

इस खोज को मान्यता मिली है ,याद रहे यह वहीं डॉक्टर है जिन्हें नेशनल अवॉर्ड से सन्मानित किया गया है ।

मिलने के लिए इस नंबर पर संपर्क करें- 9780677077, 7527007447

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