तिब्बत में एक और राजनीतिक कैदी की मौत

Edited By Updated: 24 Jul, 2015 07:44 PM

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तिब्बत में चीन की सरकार से प्रताडि़त होकर एक तिब्बती राजनीतिक कैदी ने दम तोड़ दिया है।

मैक्लोडगंज: तिब्बत में चीन की सरकार से प्रताडि़त होकर एक तिब्बती राजनीतिक कैदी ने दम तोड़ दिया है। तिब्बती मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार तिब्बती प्रैस अधिकारी लोबसांग छोडेक ने बताया कि तिब्बत की राजधानी ल्हासा की जेल चूशुल में कैद लोबसांग यशी की मौत हो गई है। इस राजनीतिक कैदी लोबसांग यशी को तिब्बत के ग्यालमों नूलचु खनन क्षेत्र के विरोध में सक्रिय भागीदारी देने के लिए चीन ने 2 साल कैद की सजा दी थी।

इससे पहले मई, 2014 में भी राजनीतिक कैदी लोबसांग यशी ने अपने कुछ साथियों के साथ अपने हकों की खातिर चीन के विरुद्ध आवाज उठाई थी जिसके परिणामस्वरूप चीन की पुलिस द्वारा इन प्रदर्शनकारियों को तिब्बत में चीन की जेल चांमदो में कैद करके रखा गया। तिब्बती प्रैस अधिकारी लोबसांग छोडेक ने कहा कि वर्ष 2008 से लेकर तिब्बत की आजादी व धर्मगुरु दलाईलामा की सकुशल तिब्बत वापसी के लिए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करके तिब्बत की गरिमा को बरकरार रखे हुए हैं।

तिब्बती युवती को चीन ने किया रिहा
न्गाबा प्रांत की रहने वाली तिब्बती युवती को चीन ने जेल से रिहा कर दिया। सूत्रों के अनुसार तिब्बत की 22 वर्षीय युवती वांगमो को तिब्बत में चीन की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के जुर्म में हिरासत में लिया गया था। चीन की सरकार द्वारा वांगमो को रिहा करके उसे घर वापस भेज दिया गया। वांगमो के परिजनों ने उसके सुरक्षित मेरूमा गांव लौटने पर उसका एक नायक की तरह अभिनंदन किया। चीन की सरकार का तिब्बती युवती पर यह आरोप था कि उसने मेरूमा गांव में अकेले ही धर्मगुरुदलाईलामा की तस्वीर के साथ चीन के विरुद्ध प्रदर्शन किया।

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