Edited By Tanuja,Updated: 22 Dec, 2025 04:29 PM

मॉस्को में कार बम धमाके में रूसी सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवारोव की मौत हो गई। जांच एजेंसियों ने इसे सुनियोजित हत्या बताया है। रूसी जांचकर्ताओं को शक है कि इस हमले के पीछे यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों की भूमिका हो सकती है।
International Desk: रूस की राजधानी मॉस्को में सोमवार को हुए एक भीषण कार बम धमाके में रूसी सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवारोव की मौत हो गई। रूसी जांच एजेंसियों ने पुष्टि की है कि यह विस्फोट वाहन के नीचे लगाए गए विस्फोटक उपकरण के कारण हुआ और इसे एक सुनियोजित लक्षित हत्या (टारगेटेड असैसिनेशन) माना जा रहा है। रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह धमाका मॉस्को के दक्षिणी इलाके में हुआ, जिसमें आसपास खड़ी कई गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। शुरुआती रिपोर्टों में चालक के गंभीर रूप से घायल होने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में अधिकारियों ने पुष्टि की कि मृतक कोई और नहीं बल्कि रूसी जनरल स्टाफ में ऑपरेशनल ट्रेनिंग विभाग के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवारोव थे।
— Mike Eckel (@Mike_Eckel) December 22, 2025
रूस की इंवेस्टिगेटिव कमेटी ने बताया कि विस्फोटक को जानबूझकर कार के नीचे लगाया गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमला पूरी योजना के तहत किया गया। जांच एजेंसियों ने कहा है कि इस मामले में हत्या के पीछे विदेशी खुफिया एजेंसियों की भूमिका समेत सभी संभावित एंगल्स की जांच की जा रही है। इस कड़ी में रूसी अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि हमले का एक संभावित पहलू यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों से जुड़ा हो सकता है। रूसी पक्ष का दावा है कि इससे पहले भी यूक्रेन पर रूस के भीतर विस्फोटक हमलों के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों और सार्वजनिक हस्तियों को निशाना बनाने के आरोप लगते रहे हैं। गौरतलब है कि दिसंबर पिछले वर्ष भी इसी तरह की एक घटना में इलेक्ट्रिक स्कूटर में छिपाए गए बम से रूसी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरीलोव, जो न्यूक्लियर, केमिकल और बायोलॉजिकल डिफेंस फोर्सेज के कमांडर थे, अपने सहयोगी सहित मारे गए थे।
उस हमले को भी रूसी जांचकर्ताओं ने यूक्रेनी ऑपरेशन करार दिया था। लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवारोव के सैन्य करियर पर नजर डालें तो वह एक अनुभवी और करियर सैन्य अधिकारी थे। उन्होंने 1990 के दशक के अंत और 2000 के शुरुआती वर्षों में दक्षिणी रूस में आतंकवाद-रोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उन्हें 2016 में जनरल स्टाफ में वरिष्ठ अधिकारियों के प्रशिक्षण और रणनीतिक अभ्यासों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके अलावा, सरवारोव रूस की सीरिया में सैन्य तैनाती से भी जुड़े रहे थे। उनकी उम्र 56 वर्ष थी। उनकी मौत ने रूस के भीतर सुरक्षा हालात और यूक्रेन युद्ध से जुड़े आंतरिक खतरों को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।