Edited By Tanuja,Updated: 21 Jun, 2025 11:47 AM
साइबर सुरक्षा संस्थान साइबरन्यूज के शोधकर्ताओं का कहना है कि अरबों की संख्या में ‘लॉग-इन क्रेडेंशियल' लीक होने के बाद ऑनलाइन डेटासेट में संकलित हो गए हैं, जिससे ...
New York: साइबर सुरक्षा संस्थान साइबरन्यूज के शोधकर्ताओं का कहना है कि अरबों की संख्या में ‘लॉग-इन क्रेडेंशियल' लीक होने के बाद ऑनलाइन डेटासेट में संकलित हो गए हैं, जिससे अपराधियों को हर दिन उपयोग किए जाने वाले उपयोगकर्ताओं के खातों तक “अभूतपूर्व पहुंच” मिल गई है। इस सप्ताह प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, साइबरन्यूज के शोधकर्ताओं ने हाल ही में 30 डेटासेट का पता लगा है, जिनमें से प्रत्येक में बड़ी संख्या में लॉग-इन जानकारी दी गई है।
कुल मिलाकर 16 अरब से अधिक लॉग-इन जानकारियां लीक हुई हैं, जिनमें गूगल, फेसबुक और एप्पल समेत कई लोकप्रिय प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं के पासवर्ड शामिल हैं। यह संख्या दुनिया की आबादी की तुलना में लगभग दोगुनी है, जिससे संकेत मिलता है कि प्रभावित उपभोक्ताओं के एक से अधिक खातों की जानकारी ली गई होगी। साइबरन्यूज के अनुसार, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि लॉग-इन जानकारी लीक होने की सूचना किसी एक स्रोत से नहीं आई है।
यानी ऐसा नहीं है कि किसी एक कंपनी को निशाना बनाकर जानकारी लीक गई हो। साइबरन्यूज के अनुसार ऐसा लगता है कि अलग-अलग समय पर डेटा चुराया गया और फिर संकलित करके सार्वजनिक रूप से लीक किया गया। साइबरन्यूज ने कहा कि कई तरह के ‘इन्फोस्टीलर्स' इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। ‘इन्फोस्टीलर' एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो पीड़ित के डिवाइस या सिस्टम में सेंध लगाकर संवेदनशील जानकारी चुरा लेता है।