गाजा में पूरी पीढ़ी का अस्तित्व खतरे में, भारत की दुनिया को दो टूक-फौरन संघर्षविराम जरूरी

Edited By Updated: 24 Jul, 2025 12:42 PM

the existence of an entire generation is at risk in gaza

गाजा पट्टी में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। इजरायल की नाकाबंदी और लगातार हो रहे हमलों ने वहां लोगों को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है। 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय..

International Desk: गाजा पट्टी में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। इजरायल की नाकाबंदी और लगातार हो रहे हमलों ने वहां लोगों को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है। 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत राहत के रास्ते नहीं खोले गए तो गाजा में एक पूरी पीढ़ी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इस भीषण मानवीय संकट के बीच भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र में गाजा में तुरंत पूर्ण संघर्षविराम की मांग दोहराई है। भारत ने कहा है कि बीच-बीच में होने वाला संघर्षविराम फिलिस्तीनी लोगों के दुख-दर्द को कम करने के लिए बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है।

 

 भूख से बच्चे और मांएं सबसे बड़े शिकार 
एमएसएफ, सेव द चिल्ड्रन और ऑक्सफैम जैसे अंतरराष्ट्रीय समूहों ने अपने बयान में कहा है कि गाजा में न केवल स्थानीय लोग बल्कि राहतकर्मी भी खाने की कमी से जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हर पांच में से एक गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला कुपोषण का शिकार है। संयुक्त राष्ट्र की यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (UNFPA) के अनुसार, भुखमरी और स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बच्चों का जन्म मुश्किल होता जा रहा है। एजेंसी ने बताया कि इस साल जनवरी से जून तक गाजा में 220 माताओं की मौत प्रसव के दौरान हुई यह आंकड़ा 2022 के मुकाबले 20 गुना ज्यादा है।

 

भारत ने कहा-शांति ही एकमात्र रास्ता 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने साफ कहा कि गाजा में लोग हर दिन भूख, ईंधन की कमी और चिकित्सा संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में अस्थायी संघर्षविराम काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘‘शांति का कोई विकल्प नहीं है। संघर्षविराम तुरंत लागू हो, सभी बंधकों को रिहा किया जाए और बातचीत के जरिए ही हल निकले।’’भारत ने उम्मीद जताई कि आने वाला संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर ‘‘द्वी-राष्ट्र समाधान’’ की दिशा में ठोस पहल करेगा। हालांकि, बढ़ते तनाव के चलते यह सम्मेलन स्थगित हो गया है।

 

राहत संगठनों की अपील 
राहत संगठनों ने कहा है कि युद्ध तुरंत रोका जाए, सभी सीमा पार रास्ते खोले जाएं और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में खाद्य सामग्री, दवाइयां और ईंधन बिना रोकटोक लोगों तक पहुंचे। उन्होंने चेताया कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में गाजा में हजारों बच्चों की जान खतरे में पड़ जाएगी।
 

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