Edited By Tanuja,Updated: 07 Oct, 2020 01:47 PM
आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच चल रही भीषण जंग ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अजरबैजान और आर्मीनिया की तोपें एक-दूसरे ....
इंटरनेशनल डेस्कः आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच चल रही भीषण जंग ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अजरबैजान और आर्मीनिया की तोपें एक-दूसरे के इलाके पर आग बरसा रही हैं। आर्मीनिया ने बताया कि अजरबैजान नागोरनो-काराबाख की राजधानी स्टेपनकर्ट में गोले दाग रहा है। उधर, आर्मीनिया ने भी दावा किया है कि उसने अजरबैजान के तेल के बड़े ठिकाने को बर्बाद कर दिया है।
नागोरनो-काराबाख इलाके में मौजूद पश्चिमी पत्रकारों ने इसकी पुष्टि की है कि अजरबैजान की सेना बेहद घातक क्लस्टर बमों का इस्तेमाल कर रही है। इन बमों में से निकले बिना फटे छोटे-छोटे बम नागोरनो-काराबाख की राजधानी स्टेपनकर्ट में बिखरे देखे जा सकते हैं। नागोरनो-काराबाख के अधिकारियों का कहना है कि इस जंग में उसके अब तक 220 सैनिक मारे जा चुके हैं। वहीं आर्मीनिया सरकार का दावा है कि 21 आम नागरिक अजरबैजान के हमले में मारे गए हैं और 82 अन्य बुरी तरह से घायल हो गए हैं।
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि ताजा संघर्ष में दुश्मनों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उसने बताया कि आर्मीनिया के एक टैंक और 3 तोपों को बर्बाद कर दिया गया है। इस युद्ध में बड़ी संख्या में दुश्मन हताहत हुए हैं। उसने दावा किया कि खाने की कमी, ईंधन और गोला-बारूद के नहीं होने के कारण आर्मीनिया के सैनिक युद्धग्रस्त इलाके से पीछे हट रहे हैं। उधर, आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि अजरबैजान के सैनिकों ने काराबाख के दक्षिणी हिस्से में बढ़त हासिल करने की कोशिश की लेकिन जब तक वे जबरयिल शहर तक पहुंचते आर्मीनिया के सैनिकों ने उन्हें मार भगाया। उसने कहा कि आर्मीनियाई सैनिकों ने पलटवार करते हुए अजरबैजान के तेल के एक बड़े ठिकाने को तबाह कर दिया है।
इस बीच अजरबैजान ने सफाई दी है कि वह क्लस्टर बम का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। इससे पहले एक ब्रिटिश अखबार ने इस बात की पुष्टि की थी कि अजरबैजान की सेना दुनियाभर में प्रतिबंधित कलस्टर बमों का इस्तेमाल नागोरनो-काराबाख में कर रही है। यही नहीं कई बम तो नागरिकों की रिहाइश वाले इलाके में गिरे हैं। इस जंग में अब तक कम से कम 266 लोग मारे गए हैं और इसमें 45 आम नागरिक शामिल हैं।