ईरान-पाकिस्तान तनाव घटाने के लिए बिचौलिया बनने को तैयार चीन, रखी पेशकश

Edited By Tanuja,Updated: 18 Jan, 2024 05:22 PM

call on two sides to exercise restraint china amid iran pakistan tensions

चीन ने बीते दो दिनों में पाकिस्तान और ईरान द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ मिसाइल हमले किये जाने के बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को घटाने में...

बीजिंग: चीन ने बीते दो दिनों में पाकिस्तान और ईरान द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ मिसाइल हमले किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को घटाने में रचनात्मक भूमिका निभाने की बृहस्पतिवार को पेशकश की। चीन ने दोनों देशों से ‘‘संयम बरतने और टकराव टालने'' को कहा है। पाकिस्तान ने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में, कथित आतंकी ठिकानों पर बृहस्पतिवार तड़के हमले किये, जिनमें नौ लोग मारे गए। ये हमले, पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को सुन्नी बलूच चरमपंथी समूह ‘जैश-अल-अदल' के दो ठिकानों को निशाना बना कर किए गए ईरान के मिसाइल एवं ड्रोन हमलों के बाद किये गए।

 

इस घटनाक्रम ने चीन को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है क्योंकि पाकिस्तान उसका करीबी मित्र है जबकि ईरान ने हाल के वर्षों में पश्चिम एशिया क्षेत्र में चीन को अपना प्रभाव बढ़ाने में मदद की है। चीन, ईरान से काफी मात्रा में तेल का भी आयात करता है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘क्या आप कह रहे हैं पाकिस्तान ने ईरान पर हमले किए? मैं इससे अवगत नहीं हूं।'' उनसे यह पूछा गया था कि क्या चीन, ईरान के अंदर पाकिस्तान के हवाई हमलों से वाकिफ है। माओ ने कहा, ‘‘लेकिन हम इस पर गौर कर रहे हैं और चीन का हमेशा से मानना रहा है कि देशों के बीच संबंधों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों के आधार पर संभाला जाना चाहिए।''

 

उन्होंने कहा कि सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और सुरक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान और पाकिस्तान करीबी पड़ोसी और प्रभाव रखने वाले देश हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष संयम और शांति बरतेंगे तथा तनाव बढ़ाने से दूर रहेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम स्थिति को सामान्य करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।'' पाकिस्तान के एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या चीन, सुन्नी चरमपंथी समूह जैश-अल-अदल के एक शिविर पर ईरान के हवाई हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों एवं अंतराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन मानता है, माओ ने कहा, ‘‘मैंने अभी-अभी चीन का रुख जाहिर किया है।'' उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि दोनों पक्ष अपने विवादों का हल परामर्श और वार्ता के जरिये करेंगे। चीन की मध्यस्थता की पेशकश एक कठिन राह हो सकती है क्योंकि सुन्नी बहुल देश पाकिस्तान और मुख्य रूप से शिया बहुल ईरान के बीच अच्छे संबंध नहीं हैं।  

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