पाक में CPEC के खिलाफ प्रदर्शनों पर भड़का चीन, कहा-मीडिया फैला रहा अफवाहें

Edited By Tanuja,Updated: 02 Dec, 2021 12:45 PM

china claims that some media outlets spreading fake news about cpec

पाकिस्तान में चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तानी इस ...

बीजिंगः पाकिस्तान में चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तानी इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं और चीन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। बलूचिस्तान के ग्वादर में लगातार CPEC का विरोध कर रहे हैं और लगातार धरने  पर बैठे हैं। पाकिस्तानियों के इस रवैये से चीन भड़का हुआ है । चीन के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में इस प्रोजेक्ट से जुड़ी एक घटना को पूरी तरह से खारिज किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर मीडिया का एक धड़ा फेक न्यूज फैला रहा है जिसे चीन दृढ़ता से खारिज करता है।

 

झाओ लिजियन ने अपनी ब्रीफिंग के दौरान कहा कि चीन मीडिया के उन प्रयासों को पूरी तरह से खारिज करता है जिसके तहत सीपीईसी प्रोजेक्ट और चीन पाकिस्तान के रिश्तों को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।  लिजियन ने इसके अलावा कहा कि चीन हमेशा आपसी सम्मान और आम सहमति के सिद्धांत का पालन करते हुए ही सहयोग को आगे बढ़ा रहा है जबकि मीडिया का एक धड़ा इस बारे में झूठी अफवाहें फैलाकर  परियोजना की खिलाफत कर रहा है। लिजियन ने कहा कि पत्रकार जिन हालात के बारे में बात कर रहे हैं, उन्हें उसकी जानकारी नहीं है। लेकिन चीन ने इस मामले में वेरीफिकेशन की है और हम दावे के साथ कह सकते हैं कि मीडिया द्वारा फैलाई जा रही तथाकथित तनाव की खबर फर्जी है।

 

झाओ लिजियन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये पूरी तरह से फेक न्यूज है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में वेरिफिकेशन किया गया है और वहां कोई चीनी ट्रॉलर नहीं था जो मछली पकड़ने या डॉकिंग के लिए ग्वादर पोर्ट क्षेत्र गया था। उन्होंने कहा कि ग्वादर पोर्ट सीपीईसी की एक प्रमुख परियोजना है. इस परियोजना का मुख्य मकसद पोर्ट का विकास और लोगों की आजीविका को बेहतर करना है।

 

बता दें कि कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बीते सोमवार को रिपोर्ट किया था कि पाकिस्तान के ग्वादर क्षेत्र में कुछ प्रदर्शन हो रहे हैं ।  ये प्रदर्शन इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय निवासी कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चीन के ट्रॉलर्स को यहां मछली पकड़ने को लेकर ज्यादा अधिकार दिए जा रहे हैं। इसके चलते स्थानीय लोगों के हालात बिगड़ सकते हैं और उनकी आजीविका पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

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