Edited By Tanuja,Updated: 23 May, 2020 11:02 AM
कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त दुनिया के लिए वैक्सीन को लेकर राहत की खबर है। चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन Ad5 का 108 वॉलंटिअर्स पर इंसानी ...
बीजिंगः कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त दुनिया के लिए वैक्सीन को लेकर राहत की खबर है। चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन Ad5 का 108 वॉलंटिअर्स पर इंसानी परीक्षण अब पूरा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन की Ad5 वैक्सीन दुनिया में सबसे आगे चल रही कोरोना वायरस वैक्सीन में शामिल है। यह वैक्सीन इंसान के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुरक्षित तरीके से बढ़ा रही है । उन्होंने कहा कि मरीजों के अंदर एंटीबॉडी पैदा होना एक अच्छा संकेत है लेकिन अभी यह वैक्सीन कोरोना वायरस को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकी। विशेषज्ञों ने कहा कि परीक्षण से यह साबित हुआ है कि यह चीनी वैक्सीन संक्रमण से बचा सकती है लेकिन निश्चित रूप से कहना अभी जल्दीबाजी होगी। चीन की इस वैक्सीन को कैंसिनो ने बनाया है।
वैक्सीन से इम्यून सिस्टम मजबूत हुआ लेकिन..
इस साल की शुरुआत में इस वैक्सीन का परीक्षण शुरू हुआ था। इस कंपनी ने ब्रिटेन के ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिका के मोडेर्ना के परीक्षण से काफी पहले ही अपना परीक्षण शुरू कर दिया था। परीक्षण के दौरान यह पता चला कि वैक्सीन के ज्यादातर डोज से इम्यून सिस्टम मजबूत हुआ लेकिन एंटीबॉडी का स्तर उतना नहीं था जिससे कि वायरस को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। वैज्ञानिकों ने पाया कि वैक्सीन की वजह से टी सेल मजबूत हुए जो वायरस से संक्रमण से बचा सकते हैं। हालांकि वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी देखे गए। मरीजों के अंदर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और बुखार देखा गया। लेकिन 28 दिनों के अंदर ये लक्षण कम हो गए। किसी भी मरीज के अंदर गंभीर या जानलेवा लक्षण नहीं देखे गए।
सफलता के लिए और ज्यादा शोध की जरूरत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन की Ad5 कोरोना वायरस वैक्सीन दुनिया में सबसे आगे चल रही कोरोना वायरस वैक्सीन में शामिल है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका चीन की वैक्सीन का इस्तेमाल करेगा या नहीं। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन की वैक्सीन के परीक्षण के दौरान सभी तीन परीक्षण समूहों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित हो गया। विशेषज्ञों के कहना है कि अभी इस वैक्सीन के कारगर होने को लेकर और ज्यादा शोध की जरूरत है। इस पूरे परीक्षण के दौरान अच्छी बात यह रही कि इंसानों में कोई खास साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। डॉक्टरों का कहना है कि यह बहुत अच्छा संकेत है। यह इसलिए जरूरी है कि जब वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी तो साइड इफेक्ट के बारे में जानना बेहद जरूरी होगा।
ब्रिटेन में वैक्सीन का ट्रायल दूसरे फेज में
इस बीच कोरोना वायरस के इलाज के लिए ब्रिटेन में जिस वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है, वह अब दूसरे फेज में पहुंच गया है। इस फेज में वैक्सीन का ट्रायल इंसानों पर शुरू हो गया है। इस एक्सपेरिमेंट के सफल होने पर इसे 10 हजार से अधिक लोगों को लगाने की तैयारी की जा रही है। भारत ने भी इस वैक्सीन के ट्रायल के 80 फीसदी सफल होने की उम्मीद जताई है। पिछले महीने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने वैक्सीन का प्रभाव और सुरक्षा की जांच करने के लिए एक हजार से अधिक वॉलनटिअर्स पर इसका ट्रायल किया था। वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को घोषणा की कि अब उनकी प्लानिंग पूरे ब्रिटेन में बच्चों और बुजुर्गों समेत 10,260 लोगों पर इस वैक्सीन के ट्रायल की है।