Trump Tariff: डोनाल्ड ट्रंप ने फोड़ा एक और टैरिफ बम, अब इस चीज पर लगाया 25 फीसदी टैक्स, जानिए कब से लागू?

Edited By Updated: 07 Oct, 2025 07:04 AM

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि अमेरिका सभी मध्यम और भारी ट्रकों पर 25% टैरिफ लगाएगा।

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि अमेरिका सभी मध्यम और भारी ट्रकों पर 25% टैरिफ लगाएगा।

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ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "1 नवंबर, 2025 से, अन्य देशों से अमेरिका आने वाले सभी मध्यम और भारी ट्रकों पर 25% की दर से टैरिफ लगाया जाएगा।" "इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद।" यह फैसला ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट (America First)” नीति का हिस्सा है, जिसका मकसद घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करना है।

 
कितने ट्रक आयात होते हैं अमेरिका में

अमेरिकी वाणिज्य विभाग (US Department of Commerce) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अमेरिका ने कुल 2,45,764 मध्यम और भारी ट्रक आयात किए, जिनकी कुल कीमत लगभग 20.1 अरब डॉलर (लगभग ₹1.67 लाख करोड़) थी। इनमें से $15.6 अरब डॉलर के ट्रक मेक्सिको से आए, जबकि $4.5 अरब डॉलर के ट्रक कनाडा से। ये ट्रक लॉजिस्टिक्स, निर्माण (Construction) और कचरा प्रबंधन (Waste Management) जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होते हैं।

अमेरिका की कुल ऑटोमोबाइल मार्केट में इन ट्रकों की हिस्सेदारी सिर्फ 5% है, लेकिन पूरे उत्तरी अमेरिका (North America) की भारी ट्रक मांग में 80% मांग अकेले अमेरिका से आती है (S&P Global के अनुसार)।

कौन-कौन सी कंपनियां होंगी प्रभावित

यह टैरिफ मुख्य रूप से कनाडा और मेक्सिको में ट्रक बनाने वाली कंपनियों को प्रभावित करेगा, जैसे — Navistar, Volvo, Daimler, और Paccar। इन कंपनियों के ट्रक अब 25% तक महंगे हो सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, Class-8 Heavy Duty Truck (जो सबसे बड़े व्यावसायिक ट्रक होते हैं) की औसत कीमत $1,70,000 से बढ़कर $2,12,500 तक पहुंच सकती है — यानी लगभग ₹35 लाख तक की बढ़ोतरी।

इलेक्ट्रिक ट्रकों को मिल सकता है फायदा

विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से अमेरिका में बने इलेक्ट्रिक ट्रकों (Electric Trucks) को बड़ा फायदा मिल सकता है, खासतौर पर Tesla Inc. जैसी कंपनियों को। कई विदेशी कंपनियां अब टैरिफ से बचने के लिए अमेरिका के भीतर असेंबली प्लांट (Assembly Plants) लगाने की तैयारी कर रही हैं, ताकि “US-Mexico-Canada Agreement (USMCA)” के तहत उन्हें ट्रेड छूट (Preferential Treatment) मिल सके।

 वैश्विक असर: नए व्यापारिक तनाव की संभावना

यह कदम अमेरिका के कनाडा और मेक्सिको के साथ व्यापारिक रिश्तों पर असर डाल सकता है। ट्रंप प्रशासन पहले ही चीन और यूरोप से आने वाले कई ऑटोमोटिव उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा चुका है, जिससे वैश्विक व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उत्तर अमेरिका के सप्लाई चेन नेटवर्क में असंतुलन पैदा हो सकता है।

भारत पर क्या असर पड़ेगा

भारत की ट्रक निर्माण कंपनियों (OEMs) की अमेरिका में प्रत्यक्ष उपस्थिति बहुत कम है, लेकिन ऑटो कंपोनेंट्स (Auto Components) के माध्यम से भारत का अमेरिकी बाजार में बड़ा हिस्सा है।

ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से अमेरिका को $6.79 अरब डॉलर (करीब ₹56,000 करोड़) के ऑटो कंपोनेंट्स का निर्यात हुआ। इनमें से कुछ हिस्से कमर्शियल वाहनों (Commercial Vehicles) से जुड़े हैं। ETAuto की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की नई नीतियों से भारत के 15–20% ऑटो पार्ट्स निर्यात प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, जिन भारतीय कंपनियों की यूनिट्स कनाडा या मेक्सिको में हैं, उन पर असर अपेक्षाकृत कम होगा।

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