Edited By vasudha,Updated: 28 Aug, 2021 08:17 AM
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती बम धमाकों का बदला अमेरिका ने अगले ही दिन ले लिया। काबुल ब्लास्ट के जवाब में अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएस के आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक कर...
इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती बम धमाकों का बदला अमेरिका ने अगले ही दिन ले लिया। काबुल ब्लास्ट के जवाब में अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएस के आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक कर दी। बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने काबुल ब्लास्ट के साजिशकर्ता को भी ढेर कर दिया है।
अफगानिस्तान के नंगहर प्रांत में हुआ हमला
सेंट्रल कमांड के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह मानव रहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नंगहर प्रांत में हुआ। दावा किया गया है कि तय टारगेट को ध्वस्त कर दिया गया है और ISIS-K के ठिकाने पर भी ड्रोन अटैक किया गया है। दरअसल अमेरिका को आशंका है कि काबुल एयरपोर्ट पर फिर से आतंकी हमला हो सकता है।
आईएसआईएस-के ने ली थी काबुल हमले की जिम्मेदारी
गोरतलब है कि आईएसआईएस-के ने काबुल हमले की जिम्मेदारी ली थी। अफगानिस्तान में आईएसआईएस-के ने खुद को कहीं अधिक बड़ा खतरा साबित कर दिया है। अफगान अल्पसंख्यकों और असैन्य संस्थाओं के खिलाफ हमलों के अलावा, समूह ने अंतरराष्ट्रीय सहायता कार्यकर्ताओं, बारूदी सुरंग हटाने के प्रयासों को निशाना बनाया है। यहां तक कि जनवरी 2021 में उसने काबुल में शीर्ष अमेरिकी दूत की हत्या करने की भी कोशिश की।
आईएसआईएस-के क्या है?
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत को आईएसआईस-के, आईएसकेपी और आईएसके के नाम से भी जाना जाता है। यह अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट आंदोलन से आधिकारिक रूप से संबद्ध है। इसे इराक और सीरिया में सक्रिय इस्लामिक स्टेट के मूल नेतृत्व से मान्यता मिली हुई है। आईएसआईए-के की स्थापना आधिकारिक रूप से जनवरी 2015 में की गई। आईएसआईएस-के ने सीमा पर अपनी स्थिति का इस्तेमाल पाकिस्तान के कबायली इलाकों से आपूर्ति और आतंकवादियों को भर्ती करने में किया। साथ ही उसने अन्य स्थानीय समूहों से हाथ भी मिलाकर उनकी महारत का इस्तेमाल किया।