पाकिस्तान में छिप कर रहने को मजबूर हुए लाखों अफगान लोग, सता रहा सरकार के एक्शन का डर

Edited By Tanuja,Updated: 29 Apr, 2024 11:33 AM

millions of afghans made pakistan home to escape war

पिछले साल अक्टूबर से करीब छह लाख अफगान लोगों को पाकिस्तान से उनके घर वापस भेजा जा चुका है लेकिन अफगानिस्तान के कम से कम दस...

इस्लामाबादः पिछले साल अक्टूबर से करीब छह लाख अफगान लोगों को पाकिस्तान से उनके घर वापस भेजा जा चुका है लेकिन अफगानिस्तान के कम से कम दस लाख शरणार्थी अब भी पाकिस्तान में हैं तथा निर्वासन की आशंका में यह लोग छिप-छिपकर रह रहे हैं। पाकिस्तान में रह गए ये लोग अफगानिस्तान नहीं जाना चाहते। निर्वासन के डर से उन्होंने सार्वजनिक आवाजाही कम कर दी है, अपनी नौकरियां छोड़ दी हैं और अपने घरों के आसपास भी बहुत कम निकलते हैं। उनके लिए आजीविका कमाना, किराये पर घर लेना, खाने-पीने का सामान खरीदना या इलाज कराना बहुत मुश्किल हो गया है क्योंकि उन्हें पुलिस द्वारा पकड़े जाने या पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा उनके बारे में अधिकारियों को बताए जाने का जोखिम है।

 

कराची में पुलिस ने 18 साल के एक किशोर की नकदी, फोन और मोटरसाइकिल छीनकर उसे निर्वासन केंद्र में भेज दिया था। वहां से उसे अफगानिस्तान भेज दिया गया। उसके माता-पिता करीब 50 साल पहले अफगानिस्तान छोड़कर यहां आए थे। वह इससे पहले कभी अफगानिस्तान नहीं गया और उसके पास जाते वक्त कपड़ों के अलावा कुछ नहीं था। अफगानिस्तान में युद्ध के हालात के बीच ऐसे कम से कम 17 लाख लोगों ने पाकिस्तान में शरण ली थी। हालांकि वे पाकिस्तान में बिना किसी कानूनी अनुमति के रहते रहे लेकिन अब पाकिस्तान ने उन्हें अफगानिस्तान वापस भेजने के लिए अभियान चला रखा है।

 

करीब 15 साल की उम्र से वाहन मेकेनिक के रूप में काम कर रहे एक युवक ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बातचीत में गिरफ्तारी और निर्वासन का अंदेशा जताया। उसने यहां रहने के लिए दस्तावेजों की खातिर आवेदन किया है लेकिन उसे ऐसे कागज मिलने की संभावना नहीं है। पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों या उनके बच्चों को कागजात जारी नहीं कर रहा है। युवक ने कहा, ‘‘मेरी जिंदगी यहां है। अफगानिस्तान में मेरा कोई दोस्त, परिवार, कुछ भी नहीं है।''  

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